ये है हाल- सरकार ने पुराना पैसा नही दिया तो समूह ने मरीजों को किया भोजन को मोहताज सरकारी अस्पताल में मरीजों को 15 दिन से नहीं मिल रहा भोजन

टेण्डर लेने वाली नई महिला समूह की लापरवाही भी आई सामने,इधर विभाग ने महिला समूह को थमाई नोटिस

घनश्याम साव,डोंगरगांव। स्थानीय सरकारी अस्पताल में पिछले 15 दिन से अस्पताल में भर्ती मरीजों को भोजन नहीं मिल रहा है। ऐसा भोजन सप्लाई का टेण्डर लेने वाले महिला समूह की लापरवाही के कारण हो रहा है। मीडियाकर्मियों व जनप्रतिनिधियों के सामने मामला उजागर होने, हो हल्ला मचने के बाद बीएमओ द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर बाहर के भोजनालय को आपूर्ति की जिम्मेदारी दी गई है। ज्ञात हो कि शासन के आदेशानुसार सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों व उनके साथ के एक परिजन को चाय, नाश्ता सहित दो टाईम भोजन देने का प्रावधान है। इसके लिए शासन स्तर पर बजट आबंटित किया जाता है। सरकारी अस्पतालों में चाय, नाश्ता भोजन बनाने व वितरण की जिम्मेदारी महिला स्व सहायता समूहों को दी जाती है।
इसलिए भी नही दे रहे खाना


जानकारी के अनुसार पूर्व में स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पिछले तीन वर्षों से इसका टेण्डर जय मां बम्लेश्वरी स्वयं सहायता समूह खपरीकला के नाम पर था। इस संबंध में ज्ञात हुआ है कि भोजन व्यवस्था संभाल रहे समूह को विगत तीन माह से भुगतान नहीं मिला है। बार – बार निवेदन व पत्राचार के बाद भी जब समूह को भुगतान नहीं मिला तो समूह ने भोजन आबंटन से हाथ खींच लिया। जिसके बाद सरकारी अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा नया टेण्डर निकाला गया। इसमें मां जगदंबा स्वयं सहायता समूह कैलाशनगर राजनांदगांव का टेण्डर फाइनल हुआ। इस संबंध में बीएमओ डॉ. रागिनी चंद्रे ने जानकारी दी कि नए समूह को वर्क आर्डर भी जारी किया गया है।

विधायक ने कहा दोषियों पर होगी कार्रवाई
मरीजों व उनके परिजनों को होने वाली परेशानियों के संबंध में मीडियाकर्मियों द्वारा क्षेत्रीय विधायक दलेश्वर साहू के ध्यान में लाये जाने पर उन्होनें गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए जांच कर दोषियों पर कार्यवाही का भरोसा दिलाया है।

भटकने को मजबूर मरीज और परिजन


नये समूह को वर्क आर्डर जारी किये आज 15 दिन बीतने के बाद भी समूह द्वारा भोजन आपूर्ति प्रारंभ नहीं किये जाने के कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों को चाय, नाश्ता, भोजन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। लॉकडाउन के कारण नगर के अनेक भोजनालय आदि बंद चल रहे हैं। ऐसे में दूरस्थ अंचल के मरीजों तथा उनके परिजनों को भोजन व्यवस्था के लिए खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। अस्पताल में मरीजों को भोजन उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण उनके परिजनों को घर से भोजन लाना पड़ रहा है।

20 किलोमीटर के दायरे के मरीज आते हैं इलाज करवाने


स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में अंचल के लगभग 20 किलोमीटर के दायरे के मरीज व प्रसुताएं इलाज व डिलीवरी के लिए आते हैं। औसतन सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन 1 से 2 डिलीवरी होती है, जिसके बाद प्रसुता सहित नवजात को लगभग तीन से चार दिन तक विशेष देखरेख के लिए रखा जाता है।

भोजनालय से की जा रही जुगाड़
भोजन आपूर्ति का टेण्डर लेने वाली महिला समूह द्वारा वर्क आर्डर जारी करने के बाद भी भोजन आपूर्ति में विफल होने के बाद मरीजों को होने वाली परेशानी को देखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बीएमओ द्वारा अब वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर नगर के एक भोजनालय को भोजन आपूर्ति के लिए कहा गया है। इस संबंध में पता चला है कि उक्त संस्था द्वारा सिर्फ भोजन की आपूर्ति की जा रही है। अभी भी चाय व नाश्ता के लिए मरीज व उनके परिजन स्वयं पर ही निर्भर हैं और उनकी परेशानी कम नहीं हो रही है।
क्या बोली अफसर जरा पढ़िए,,,
डॉ. रागिनी चंद्र बीएमओ ने कहा वर्तमान में टेण्डर लेने वाली महिला समूह को नोटिस देकर जल्द से जल्द कार्य संभालने के लिए कहा गया है। अभी मरीजों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। तो वहीं
टिकेश साहू, उपाध्यक्ष जीवन दीप समिति – ने कहा समूह को 3 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। व्यवस्था को पटरी पर लाने हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।