पत्थर खदान को बंद कराने सैकड़ों ग्रामीणों ने धावा बोला

ग्रामीण एवम संचालक के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है

दैनिक बालोद न्यूज/घनश्याम साव/डोंगरगांव।घोरदा के ग्रामीणों की आक्रोधित स्थिति को देखते हुए शासन प्रशासन ने पिछले महीने खदान में पत्थर उत्खनन पर पूरी तरह रोक लगाने का आदेश दिया था लेकिन खदान संचालक में शासन के नियमों का हवाला देती हुए पुन: खदान का संचालन अब भी अवैध तरीके से करने का ग्रामीणों ने आरोप लगाया है घोरदा में संचालित पत्थर खदान खसरा नंबर 372/1,2 हैं आज जिले के अधिकारियों द्वारा स्थित निरीक्षण के लिए पहुंचने की जानकारी सरपंच एवं ग्रामीणों को दी गई लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं आए। जिसमे डिप्टी कलेक्टर ने ग्रामीणों को लिखित धोखा दिया है। ग्रामीणों को इसकी जानकारी देने पर सैकड़ों लोगों की भीड़ लग गई ग्रामीणों का कहना है की पत्थर खदान की वजह से जलस्तर काफी नीचे चला गया है ग्रामीणों को पेयजल एवं निस्तारी की समस्या से जूझना पड़ रहा है।

वही पत्थर तोड़ने खदान में बार-बार बारूद लगाने से ग्रामीणों को शारीरिक कष्ट झेलना पढ़ रहा है गांव में संचालित पत्थर खदान को बंद कराने ग्रामीण काफी समय से लामबंद है लेकिन शासन-प्रशासन की लचर प्रशासनिक व्यवस्था के चलते खदान बंद नहीं हो सकी है खदान मालिक कंतिपय लोगों को बरगला कर सरपंच को हटाने भीड़ गए थे लेकिन सरपंच ने अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रही खदान बंद कराने को लेकर ग्रामीण एवम संचालक के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीणों ने सत्तापक्ष के नेताओं पर खदान संचालन को राजनीतिक संरक्षण देने का आरोप लगाया है यदि उक्त खदान बंद नहीं हुई तो ग्रामीण उग्र आंदोलन की चेतवानी दी है।

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