देखभाल के अभाव में वन चौकी खंडहर में तब्दील
नाम का खुज्जी रेंज, कार्यालय डोंगरगांव में
दैनिक बालोद न्यूज/घनश्याम साव/ डोंगरगांव। खुज्जी क्षेत्र के बेशकीमती जंगल की रखवाली के लिए खुज्जी गांव में बनाई गई वन चौकियां इन दिनों अपनी बदहाल पर आंसू बहा रही है। देखभाल के अभाव में वन चौकी खंडहर में तब्दील होती जा रही है। जगह-जगह झाड़ियां उग आई है। लिहाजा वन कर्मचारी, अधिकारियों के लिए यहां पर रुकना ज्यादा पसंद नहीं करते । ऐसे में रात के समय जंगल की सुरक्षा व्यवस्था का क्या ?
अतीत का गौरव वर्तमान की बदहाली ये है वन विभाग की कहानी
दसकों पुरानी खुज्जी के वन विभाग अपने इतिहास की गौरवशाली परम्परा वह अपने वर्तमान की बदहाली के लिए रो रहा है । एक समय था जब 10 से 12 वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी निरंतर वन की रखवाली और सवंर्धन के लिए हमेशा उपलब्ध रहते थे।
जंगल की रखवाली के लिए वन विभाग द्वारा खुज्जी, करेठी, करमरी में वन चौकी का निर्माण किया गया था। वन क्षेत्र होने के कारण गांव से सटे जंगलों में बेशकीमती प्रकाष्ठ के साथ ही जड़ी बूटी संरक्षित प्रजाति के वन्य जीव भी थे । लेकिन समय से विभाग ने इन वन चौकियों की मरम्मत के लिए खर्च नहीं किया है। जिस कारण अब ये वन चौकियां पूरी तरह से खंडहर हो गई और कुछ समाप्त ।
वन क्षेत्र वाले गांव उमरवाही, करमरी, पांगरी, पथरी, बन नवागांव, आयबांधा, जोंधरा, संबलपुर, गिदर्री, चंदिया मनहोरा, छिदीबिरही, कापा, पथरानवागांव, तुमड़ीकसा, रतनभाट गांव इत्यादि क्षेत्र के जंगल की रखवाली का जिम्मा संभालने वाले वन बीट अधिकारी मुश्किलों का सामना करते हैं। जिस पर शासन प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।
पल्लवी गंगबेर वन परिक्षेत्र अधिकारी खुज्जी ने कहा कि
खुज्जी रेंज कार्यालय डोंगरगांव में पहले से ही प्रस्ताव रायपुर हेड ऑफिस से किया गया है अभी खुज्जी में में दो वनपल्लवी गंगबेर वन परिक्षेत्र अधिकारी खुज्जी विभाग के कर्मचारी रहते हैं पीडब्ल्यूडी को डिस्मेंटल के लिए कई बार लिखा गया है आगे की कार्यवाही अभी रुकी है डिस्मेंटल के बाद आगे की कार्यवाही शीघ्र ही की जाएगी