श्रम कार्ड बनाने के नाम पर अवैध वसूली पुलिस के गिरफ्त में दलाल, फर्जी संगठन के द्वारा शिक्षित बेरोजगारों को फंसाकर करवाया जा रहा था कार्य

श्रम विभाग भी कटघरे में नजर आ रहे हैं

दैनिक बालोद न्यूज/घनश्याम साव/डोंगरगांव।डोंगरगांव नगर में अवैध रूप से श्रम कार्ड बनाने का मामला सामने आया है। नगर के वार्ड कुम्हार पारा में 15 जनवरी को सूचना मिली कि कुछ व्यक्तियों द्वारा सरकारी योजना का लालच देकर भोले भाले लोगो से श्रम कार्ड बनाने के नाम पर 1200 रु लिया जा रहा है। पूर्व पार्षद रोशन यदु ने डोंगरगांव पुलिस को मामले की सूचना दिया, डोंगरगांव पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए श्रम कार्ड बनाने घूम रहे युवक युवती को पकड़ कर थाने लायी।
पूछताछ करने पर युवकों ने बताया कि मां दुर्गा भवन निर्माण मजदूर संघ एक संगठन बनाकर बेरोजगार युवक युवतियों को बहला फुसला कर NGO संगठन में जुड़ने के लिए विज्ञापन निकाला गया जिसको देखकर कुछ युवक युवतियां जिला अध्यक्ष माधुरी वर्मा से संपर्क कर संस्था में जॉइन किया,,,,जॉइन करने के एवज में सभी से 2500- 2500 रु लिया गया था।
इनके जिला अध्यक्ष माधुरी वर्मा ने युवक युवतियों का बैठक लेकर सभी को निर्देशित किया कि लोगो के बीच जाकर श्रम कार्ड योजना का जानकारी देना है एवं जिनका कार्ड नई बना है उनका कार्ड 1200 रु लेकर बनाना है। युवकों ने बताया कि नगर में कुछ लोगो का श्रम कार्ड बनाया गया है जिसके लिए उन्होंने 1200 रु चार्ज भी किया है। युवकों से पूछताछ करने पर बताया कि एक कार्ड के पीछे उन्हें कमीशन दिया जाता था और इनको 5-5 के ग्रुप में बांट दिया गया था।

श्रम कार्ड बनाने के लिए 30 रु से लेकर 50 रु तक का शुल्क शासन ने किया है निर्धारित

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा श्रम कार्ड बनाने के लिए मात्र 30 से 50 रु का शुल्क लिया जाता है। लगातार देखा जा रहा है कि श्रम कार्ड बनाने के लिए गाँव गाँव मे दलाल सक्रिय है। लोगो को श्रम विभाग के योजनाओं का लालच लेकर1500 से 2000 तक वसूली की जाती है।

डी. के.बघेल है संगठन के प्रदेश अध्यक्ष है

संगठन पूरा प्रदेश स्तर पर कार्य कर रही है। और 250 युवक युवतियां कार्य कर रही है। संगठन का अध्यक्ष डी के बघेल है बताया जा रहा है जिनके दिशा निर्देश पर अवैध वसूली का खेल खेला जा रहा है।

NGO बनाकर पढ़े लिखे बेरोजगारो को फसाया जाल में

बता दे कि ये सिर्फ अकेला मामला नही है, ऐसे अनेकों मामले देखने मिल जाएंगे जिसमे NGO बनाकर पैसे का प्रलोभन देकर कुछ भोले भाले पढ़े लिखे बेरोजगार नौजवानों को फंसाया जाता है,एवं इनके एवज में उन्हें सैलरी भी दी जाती है।

थाना प्रभारी कर रहा मामले का जांच

डोंगरगांव थाना प्रभारी भरत बरेठ ने कहा कि मामले का जांच किया जा रहा है। प्रथम दृष्टया मामला अवैध वसूली का है एवं श्रम कार्ड बनाने के एवज में शुल्क से अधिक पैसा लेना गैर कानूनी है।
दोषियों पर कार्यवाही निश्चित तौर पर की जाएगी ,ताकि दोबारा इस तरह का अवैध कार्य न हो।

श्रम विभाग भी संदेह के घेरे में,लंबे समय से हो रही है विभाग की शिकायत

श्रम विभाग की कार्यप्रणाली पर पहले ही सवाल उठ रहा है। विभाग के नाक के नीचे पूरा खेल होना एवं श्रम विभाग का आंख बंद कर बैठे रहना कही न कही विभाग की लापरवाही को दर्शाता है। सूत्र बताते है कि श्रम विभाग के कुछ अधिकारी और कर्मचारी श्रम कार्ड में शासन के योजनाओं का लाभ दिलाने मोटी रकम ली जाती है, और बायपास सेटिंग करके मजदूर का कार्य वैध या अवैध तरीके से करके अपनी जेब भरने का कार्य कर रहा है बड़े अधिकारी को भी इस खेल में बराबर का हिस्सा मिल रहा है।

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