छत्तीसगढ़ के लोक संस्कृति से जुड़े तीज पर्व मनाने के बाद घर वापसी के लिए मस्क़त कर रहे माता बहनें

बस में पैर रखने के लायक जगह नहीं बचा है फिर भी घर वापसी सभी को करना है

दैनिक बालोद न्यूज/घनश्याम साव/डोंगरगांव।छत्तीसगढ़ के माता बहनों के लिए सबसे बड़ा तीज पर्व मनाने अपने मायके पोला के बाद आने के शुरवात हुई अब दो तीनों के तीज पर्व में अपने मायके में माता बहनों के द्वारा अपने पति के लंबी उम्र के लिए उपवास रखें और अब तीज त्यौहार मनाने के बाद घर वापसी कर रहे हैं अपने अपने संसाधनों से माता बहनें अपने मायके से ससुराल की ओर प्रस्थान कर रहे हैं रोड़ पर आवाजाही का दोनों ओर भीड़ लगी हुई है कोई कार से वापसी कर रहे हैं तो कोई दो पहिया वाहन से वापसकर रहें हैं तो कोई इसीक्रम में कुछ माता बहनें बसों में वापसी जाने के घंटों इंतजार कर रहे हैं और बस आने पर किसी को सीट मिल पा रहा है तो किसी को नहीं तो वही बसें खचाखच भरा हुआ है इसमें पैर रखने लायक जगह नहीं होने के बावजूद घर वापसी के लिए मजबूरी वस सफर तय किया जा रहें हैं सभी को अपने अपने घर वापसी का चिंता है किसी को अपने खेतीबाड़ी का चिंता है तों किसी को घर परिवार वालों की सब को अपने घर जैसें तैसे वापस जो लौटना है।

यात्रियों को कई प्रकार के दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है

माता बहनों को घर वापसी में अलग अलग परेशानी हो रहें हैं कई माता बहनें अपने छोटे छोटे बच्चों को लेकर सफर कर रहे हैं तो कई गर्भवती माताएं बहनें हैं तो कोई शारीरिक परेशानी है तो कोई छोटा बैग रखें है तो कोई बड़ा बैग फिर भी अपने मायके व ससुराल के प्यार के बन्धन में बंधे होने के वजह से सारे तकलीफो को नजर अंदाज कर के वापसी लौट रहे हैं।

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