बड़ी खबर- कोरोना संकट में भी इस लापरवाही का दोषी कौन? एंबुलेंस बिना लोग अस्पताल पहुंचने से पहले न तोड़ दे दम

कोविड-19 अस्पताल बालोद के नाम से रिजर्व संजीवनी 108 एंबुलेंस 5 दिन से खराब, लोगों की जान आफत में

बालोद। जिला कोविड-19 अस्पताल में संचालित संजीवनी 108 की सेवा इन दिनों बंटाधार हो गई है। वजह यह है क्योंकि यहां की 108 गाड़ी 5 दिनों से खराब है जिसे बनाने के लिए ना तो कंपनी ध्यान दे रही है ना ही अस्पताल प्रबंधन। इन सब के कारणों से जिला अस्पताल में संजीवनी एंबुलेंस की सुविधा बदहाल हो गई है तो वहीं लोगों को भी इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संजीवनी सेवा जय अंबे कंपनी के माध्यम से संचालित हो रही है जिनके द्वारा जिला अस्पताल के लिए नई गाड़ी की व्यवस्था अब तक नहीं की गई।
कोविड 19 अस्पताल की अनदेखी
कोरोना के इस संकट में कब कहां से कोई केस निकल जाए कोई नहीं जानता। ऐसे समय में कोविड-19 अस्पताल में एंबुलेंस की व्यवस्था मजबूत होनी चाहिए पर इसकी अनदेखी हो रही है। कंपनी के माध्यम से मंगलवार को सिर्फ डौंडी व अर्जुन्दा अस्पताल के लिए नई एबुलेंस भेजी गई। बालोद में अभी भी पुरानी कंपनी जीवीके की एंबुलेंस खड़ी है। अब देखना होगा कि जिम्मेदार इस पर कितनी गंभीरता दिखाते हैं क्योंकि जिला कोविड-19 अस्पताल में एक तरफ जहां सरकार दावा करती है कि अगर अचानक में कहीं कोई केस मिले तो उनका इलाज भी यहीं पर हो सके लेकिन यह बदहाली ही कहेंगे कि मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए जरूरी एंबुलेंस बंद पड़ी हुई है जो कि कई सवाल भी खड़े कर रहा है ।

आंखों देखी- पार्टस भी टूटने लगे हैं,टायर भी पंचर पड़ा


बालोद संजीवनी 108 का जब हमने जायजा लिया तो बहुत ही बुरी स्थिति में वह पाया गया। अस्पताल के परिसर में कोने में इस कबाड़ हो रहे एंबुलेंस को छोड़ दिया गया है। जिसके कई पार्ट्स टूट गए हैं जिन्हें कंपनी के कर्मचारियों ने तार व रस्सी से बांधकर रखा है। अगर उसे ऐसा बांधेंगे भी नही तो यह कभी भी टूट कर गिर सकता है तो वही अंदरूनी पार्ट भी खराब हो चुके हैं। जिसके चलते अब यह गाड़ी दौड़ने की स्थिति में भी नहीं है। ना ही संबंधित कंपनी के अफसर इसे सुधारने के लिए ध्यान दें रहें हैं। टायर पंचर पड़ा हुआ है। स्थिति यह है कि कंपनी तक इसे नहीं बना पा रही है तो पत्थरों के सहारे ही पंचर टायर को संभालने की कोशिश की जा रही है।

समय पर नही मिली सुविधा तो लोग निजी वाहन से पहुंचा रहे हैं मरीज
ऐसे में एन वक्त पर लोगों को या तो प्राइवेट गाड़ी का सहारा लेना पड़ रहा है या फिर जिले के दूसरे अस्पतालों से संजीवनी 108 की गाड़ी आ रही है इस वजह से कई बार लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचने में भी देरी होती है तो कई बार लोग परेशान बहुत होते हैं पिछले दिनों पाररास में एक वकील प्रकाश साहू को आगजनी के शिकार होने पर निजी वाहन से भर्ती कराया गया। लोगों ने पहले संजीवनी 108 पर फोन किया तो उन्हें कहा गया कि बालोद की संजीवनी खराब है। डौंडीलोहारा से गाड़ी भेज देंगे। ऐसे कई मरीजों की जान बिना एबुलेंस के आफत में रहती है। पर जिम्मेदार ध्यान नही दे रहे।