प्री-मैंस-इंटरव्यू तीनों अलग-अलग नहीं, एक ही किताब, तीनों की एक साथ करें तैयारी तो मिल जाएगा आईपीएस का खिताब- आईपीएस मयंक गुर्जर

यूपीएससी की कैसे तैयारी करें, इस विषय पर डोंगरगांव थाने में बतौर टी आई पदस्थ आईपीएस मयंक गुर्जर ने दी यू पी एस सी प्रतिभागियों के लिए रोचक जानकारी

दैनिक बालोद न्यूज/घनश्याम साव/डोंगरगांव।गलतियां क्या हो सकती हैं, एक्जाम में दूसरे क्या गलती कर रहे है और क्या कर सकते है- इसे ढूंढे और उन गलतियों को सुधारें और फोकस करें तो यू पी एस की एक्जाम आसानी से निकल जायेगी। आप आसानी से आई ए एस, आई पी एस, आई एफ एस और आई आर एस निकाल सकते हैं। कहते है न गलतियां इंसान का आईना होती हैं और कहीं आप गलती करने से पहले ही उन्हें ठीक कर देते हैं तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। ऐसा कहना है डोंगरगांव थाने में बतौर टी आई पदस्थ आईपीएस मयंक गुर्जर का। उन्होंने यू पी एस सी तैयारियों पर विस्तृत जानकारी दी।

ग्रेजुएशन के साथ – साथ कि जा सकती है यू पी एस सी की तैयारी:-

आई आई टी मुम्बई से बीटेक के दौरान ही मैंने तय कर लिया था कि मुझे सिविल सिर्विसेस में जाना है। मैंने बीटेक के तीसरे साल से यू पी एस सी की तैयारी चालू कर दी। केवल तीन घंटे का समय यूपीएससी के लिए देता था। बाकी समय इंजीनियरिंग की पढ़ाई में। पासआउट होते ही मेरा चयन बतौर आई पी एस हो गया।

मा के संघर्ष का परिणाम है मेरी सफलता
पिता का गुजर चुके थे और मैं छोटा था। माँ ने मेडिकल स्टोर में बतौर रिशेप्शनिस्ट काम कर मुझे पढ़ाया। आज जो कुछ भी हु मां के कारण हूं।

इस तरह करें तैयारी:-

प्री,मैंस और इंटरव्यू तीनों को एक साथ लेकर ही तैयारी करना चाहिए आप केवल प्री की तैयारी कर कर बाद में मेंस की तैयारी करूंगा ऐसा सोचेंगे तो सफलता नहीं मिलेगी इसके लिए केवल आपको पुराने जितने भी पेपर से उनको लगातार सॉल्व करते रहे क्योंकि कुछ सालों में क्वेश्चन रिपीट जरूर होते हैं या उसी तरीके के पूछे जाते हैं जिससे आसानी से तैयारी हो जाती।

मेंस के लिए संपादकीय लेख पढ़ें:-

मेंस को किस तरीके से लिखना है इस पर सबसे अच्छा सहयोग अखबारों के संपादकीय लेख होते हैं इन्हें लगातार पढ़ने से देश-विदेश और करंट में क्या चल रहा है उसकी जानकारी मिल जाती है साथ ही बहुत सी चीजों पर अपने आप को अपडेट किया जा सकता है।

डेटा शीट बनाकर पढ़ाई करें:-

मैंने तैयारी के दौरान एक्सेल में अपनी डेटाशीट बनाई थी सो जाना मैं 15 20 30 सवाल हल करता था उसमें कितने सही हैं और कितने गलत उसकी डाटा शीट एक्सल में बनाता था धीरे धीरे उसमें मेरा ग्राफ तैयार होने लगा और मेरा कॉन्फिडेंस भी पढ़ने लगा कि लगभग में 15 में 7 से 8 को क्वेश्चन सॉल्व कर लेता जो मेरे लिए बहुत फायदेमंद रहा।
हिन्दी माध्यम मे कम है मटेरियल, पुराने प्रोफेसरस को काम करने की जरूरत हिंदी माध्यम के प्रतिभागियों के लिए मटेरियल काफी कम है इन्हीं कारणों से यूपीएससी में उनका ग्राफ कम रहता है पुराने प्राध्यापक या प्रोफेसर अंग्रेजी माध्यम में उपलब्ध मटेरियल को बेहतर तरीके से ट्रांसलेट कर उसे किताब का रूप दे या वेबसाइट या पोर्टल चलाएं तो हिंदी माध्यम के प्रतिभागियों का भी अधिक से अधिक यूपीएससी में चयन होगा।


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फोरम फाइल्स आई एस बाबा

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