संजारी में मनाया गया संविधान दिवस, हुआ व्याख्यान माला का आयोजन
दैनिक बालोद न्यूज/डौंडीलोहारा।शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संजारी में संविधान दिवस के अवसर पर व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का निर्देशन व संचालन व्याख्याता शिवेन्द्र बहादुर साहू द्वारा किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था की प्रभारी प्राचार्य श्रीमती पद्मा कोठारी ने किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में व्याख्याता आलोक विश्वकर्मा और व्याख्याता डोंगरमल रामटेके थे। सहायक वक्ता के रूप में व्याख्याता श्रीमती किरण शिवाने, दिनेश कुमार धरमगुड़े और सुधीर कुमार यादव उपस्थित थे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आलोक विश्वकर्मा ने विषय पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए कहा कि संविधान नियमों, उपनियमों का एक ऐसा लिखित दस्तावेज होता है जिसके अनुसार सरकार का संचालन किया जाता है। यह देश की राजनीतिक व्यवस्था का बुनियादी ढांचा निर्धारित करता है। संविधान हमारे देश के आदर्शों, उद्देश्यों व मूल्यों का दर्पण है। संवैधानिक विधि देश की सर्वोच्च विधि है। संविधान समाज में शक्ति के मूल वितरण को स्पष्ट करता है। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण एवं इसकी प्रमुख विशेषताओं पर भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। मुख्य वक्ता डोंगरमल रामटेके ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है व हमारा संविधान विभिन्न स्रोतों द्वारा लिया गया है। हमारा संविधान न तो लचीला है और न ही कठोर बल्कि दोनों का समन्वित रूप है। उन्होंने मूल अधिकारों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए कहा कि मूल अधिकार संविधान में उल्लिखित वे अधिकार है जो व्यक्ति के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और नैतिक विकास हेतु अतिआवश्यक है। मूल अधिकार न्यायोचित है इन अधिकारों के हनन पर न्यायालय जाया जा सकता है। मूल अधिकारों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गारंटी व सुरक्षा दी जाती है। सहायक वक्ता श्रीमती किरण शिवाने ने कहा कि हमारे देश का संविधान हमारा अभिमान है, संविधान के बारे में जागरूकता अतिआवश्यक है, हमें अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनना चाहिए। हमारा संविधान कमजोरों के हितों की रक्षा करती है। संविधान समाज में संतुलन बनाता है उन्होंने इस अवसर पर कविता वाचन भी किया। सहायक वक्ता दिनेश कुमार धरमगुड़े ने संविधान गीत प्रस्तुत किया। साथ ही प्रेरक प्रसंग के माध्यम से बच्चों को संविधान की जानकारी दी। उन्होंने मूल कर्तव्यों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए संविधान को राष्ट्र का आधार माना। सहायक वक्ता सुधीर कुमार यादव ने कहा कि संविधान बहुत ही मेहनत व परिश्रम से बना है और हर भारतीय का कर्तव्य है कि वह संविधान की महत्ता को समझे व आत्मसात करें। कार्यक्रम में शाला नायक भरत मटियारा ने भी विद्यार्थियों की ओर से सभा को सम्बोधित किया। उप शाला नायक भूमिका यादव ने संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया।
कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन करते हुए प्राचार्य पद्मा कोठारी ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से बच्चों में संविधान के प्रति बेहतर समझ पैदा की जा सकती है, हमें संविधान को बारीकी से समझ कर आत्मसात कर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभानी होगी। बेहतर आयोजन हेतु आयोजक टीम की उन्होंने सराहना की। कार्यक्रम में श्रीमती बबीता दीवान, श्रीमती रीमा सोरी, श्रीमती अर्पणा वर्मा, श्रीमती किरण शिवाने, श्रीमती उर्मिला नायक, श्रीमती नंदिनी जोशी, तीजू राम कुमेटी, देवी लाल ठाकुर, लक्ष्मी नारायण बढ़ई, डीके धरमगुड़े, एस के यादव, शाला नायक भरत मटियारा, उप शाला नायक छबि लाल, उप शाला नायक भूमिका यादव, छात्रा प्रतिनिधि दुर्गा , व श्रीमती गिरिजा भुआर्य ने सहभागिता प्रदान की। उक्त जानकारी कार्यक्रम निर्देशक शिवेन्द्र बहादुर साहू ने दी।