अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन के लिए संत राम बालक दास को भी आया बुलावा , हर घर 5 दीपक जलाने की अपील भी की

बालोद। यूपी के अयोध्या में 5 अगस्त को श्री राम जन्म भूमि मंदिर के भूमि पूजन की तैयारी जोर शोर से चल रही है। देश ही नहीं पूरा विश्व इस मंदिर निर्माण को लेकर उत्सुक है तो वहीं इस आयोजन में देश के कई विभूतियों का आगमन होने वाला है। स्वयं प्रधानमंत्री मोदी भी इस आयोजन में शामिल होंगे। बालोद जिले से भी राष्ट्रीय संत राम बालक दास महात्यागी, पाटेश्वर धाम को भी वहां से बुलावा आया है कोरोना को देखते हुए वे नहीं जा पा रहे हैं और अपने धाम से ही उक्त आयोजन का लाइव प्रसारण देखेंगे। तो वहीं उन्होंने समस्त देशवासियों को इस क्षण के लिए शुभकामनाएं दी है। दैनिक बालोद न्यूज़ डॉट कॉम के जरिए उन्होंने मंदिर निर्माण के संबंध में कुछ बातें भी कही। जिन्हें आप एक इस वीडियो में देख सकते हैं। उन्होंने समस्त देशवासियों को एक अपील भी की है कि हर घर आंगन में पांच-पांच दीपक जलाए। आनंद उत्सव मनाए। ध्वज लहराए। यह किसी विशेष धर्म जाति मजहब का नहीं बल्कि मानवता के पुरोधा श्री राम के जन्मभूमि मंदिर के निर्माण का अवसर है।

यह बातें कही राष्ट्रीय संत ने
राम बालक दास ने कहा कि श्री राम जन्म भूमि मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया में बहुत ही सुंदर क्षण आया है। करोड़ों लोगों के लिए यह प्रसन्नता का विषय है। अखिल विश्व में बसने वाले समाज के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण मानव समाज के लिए मानवता का सूत्र देने वाले अवतार पुरुष मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जन्म भूमि अयोध्या में उनकी मंदिर निर्माण का भूमि पूजन 5 अगस्त को होने वाला है। इस अद्भुत कार्यक्रम में पूरे भारतवर्ष के महान विभूतियों का संगम होगा। भारत के प्रधानमंत्री स्वयं जा रहे हैं। यह एक सुखद अवसर है। एक बार सोमनाथ मंदिर के निर्माण में तत्कालीन राष्ट्रपति गए। इसी प्रकार तत्कालीन प्रधानमंत्री मोदी का भी जाना एक अच्छे संदेश का परिचायक है। मैं संपूर्ण भारत देश व अखिल विश्व के हिंदू समुदाय व मानव धर्म के लोगों को इस क्षण के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। मैं स्वयं केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल का सदस्य हूं। प्रांतीय मार्गदर्शक मंडल विश्व हिंदू परिषद छत्तीसगढ़ का प्रांत संयोजक हूं, इस नाते मैं सभी को मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं और आप सभी से चाहूंगा इस अवसर पर आप अपने घरों में दीप जलाएं। ध्वज लगाएं, आनंद उत्सव मनाएं। यह किसी धर्म, जाति, मजहब का नहीं मानवता के पुरोधा भगवान राम के मंदिर के भूमि पूजन का अवसर है।