ग्रीन कमांडो की है चाहत- मरने के बाद मेरे शरीर को ना जलाएं,दफना दें ताकि खाद बनकर इस प्रकृति के काम तो आऊं,,,,

वीरेंद्र सिंह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कर रहे हैं वर्षों से काम, बन चुकी है यही पहचान

विजय गुप्ता, दल्लीराजहरा। दल्लीराजहरा का एक शख्स जिसने अपना पूरा जीवन पर्यावरण संरक्षण व जागरूकता के लिए समर्पित कर दिया है। किसी भी परिचय का मोहताज नही है। जिले के साथ राज्य स्तर में ख्याति इतनी है कि इनके पर्यावरण संरक्षण व स्वच्छ भारत अभियान के जन जागरूकता के कार्य को जमीन स्तर में देख कर छत्तीसगढ़ के राज्यपाल व मुख्यमंत्री के द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है । बात हो रही है ग्रीन कमांडो वीरेन्द्र सिंह की ,जो वर्षों से प्रकृति के साथ मनुष्‍यों को जोड़ने, प्रकृति के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चला रहे हैं। उनकी अंतिम इच्छा भी यही है कि उनके निधन पर मेरे शरीर को नहीं जलाया जाए। बल्कि जमीन में गड़ा दिया जाए। जिससे मेरा शरीर खाद बनकर किसी पौधों को बढ़ने मे मदद कर सके। शासन-प्रशासन पर्यावरण को हरा-भरा बनाए रखने के लिए लोगों से अधिक से अधिक पौधारोपण करने के लिए समय-समय पर जागरुकता अभियान चला रहा है। नगरपालिका दल्लीराजहरा क्षेत्रान्तर्गत वार्ड 14 निवासी वीरेन्द्र सिंह ने अपना पूरा जीवन ही पर्यावरण के नाम कर दिया है। ग्रीन कमांडों ने आज से 17 वर्ष पूर्व अपने मोहल्ले में पीपल का पौधा लगाकर अभियान की शुरुआत की, जो अब पेड़ बन गया है 10 सालों तक प्राइवेट स्कूल में शिक्षकीय कार्य करते हुए 25 बच्चों की टीम गठित कर हर शनिवार को आसपास के गांवों में सफाई अभियान व पौधारोपण कार्य कर अपने अभियान के माध्यम से लोगों को पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने का संदेश दिया। प्राइवेट कंपनी में कार्य करने के बाद वे अपने वेतन का एक हिस्सा पर्यावरण संरक्षण के लिए खर्च करते हैं। सन 2005-06 में वार्ड 16 पावर हाउस एवं कोंडेकसा के बंजर भूमि में 9 वर्ष पूर्व 250 करंज के पौधे लगाए थे जो आज पेड़ बन गए हैं। 

अब तक कई पुरस्कारों से नवाजे जा चुके हैं ग्रीन कमांडो 
पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने के लिए उन्हें 2005 में महामहिम राज्यपाल केएम सेठ द्वारा तरुणभूषण से सम्मानित किया जा चुका है। वहीं 2011 में छत्तीसगढ़ जल स्टार अवार्ड, 2013 में अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी इरफान पठान द्वारा तथा जिला कलेक्टर द्वारा स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जा चुका है। स्वच्छ भारत सम्मान 2016 को केंद्रीय मंत्री चौधरी वरिेंद्र सिंग ने सम्मान किया। 

पथरीली जमीन में आ गई हरियाली

पर्यावरण के प्रति अपनी जिंदगी समर्पित करने वाले ग्रीन कमांडों वीरेन्द्र सिंह ने आज से 12 वर्ष पूर्व सन 2004 में 28 जुलाई को कोंडे पावर हाऊस मार्ग पर स्थित बीएसपी 3 नंबर स्कूल के खाली पड़ी उबड़-खाबड़ एवं पथरीली जमीन पर 250 पौधे लगाए थे वह पौधे आज पेड़ बन गए हैं। श्री सिंह प्रतिवर्ष उनका जन्मदिन मनाते आ रहे हैं। 

नीम के पेड़ का फेरा लेकर किया विवाह, दहेज में लिए 11 पौधे

7 वर्ष पूर्व उन्होंने अपनी शादी के दौरान दहेज के रूप में 11 आम, नीम, जाम के पौधे लिए। कांकेर के राजापारा पारा स्थित नीम के विशाल पेड़ का 7 फेरा लेकर विवाह किया जो कि समाज के लिए भी एक उदाहरण है। पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ स्वच्छ भारत अभियान, एड्स जागरूकता, साक्षरता अभियान, मतदाता जागरूकता, सर्वशिक्षा व पल्स पोलियो तथा नो पॉलीथिन अभियान से लोगों को जागरुकता का संदेश देते हैं।