गांव में शुरू हुई फिर से कोरोना बंदिश, सलोनी में तीजा जाने पर पाबंदी तो सुंदरा में भी रक्षाबंधन पर बाहर नहीं जा सकेंगे भाई बहन, कई गांव में भी हुई मुनादी नियमों का पालन न करने पर 28 दिन के लिए स्कूलों में क्वॉरेंटाइन भी करवा देंगे

दीपक यादव,बालोद। लगातार कोरोना के संक्रमण के बढ़ते केस को देखते हुए अब गांव में फिर से कोरोना बंदिश लागू हो गई है। रक्षाबंधन पर्व से लेकर आने वाले तीज त्यौहारों में भी ग्रामीणों ने अपने नियम कानून बनाकर तय कर दिए हैं कि हमें कोरोना से लड़ना है तो क्या-क्या करना है। कई गांवों में मुनादी भी करवाई जा रही है तो कई गांव में ग्रामीणों ने आपस में बैठक लेकर फैसला कर लिया है कि गांव से कोई बाहर नहीं जाएगा ना कोई बाहर का आदमी गांव में आएगा। यदि कोई जबरदस्ती कर रहा है तो ऐसे लोगों को स्कूल में क्वॉरेंटाइन पर भी रखवा दिया जाएगा। सलोनी में भी कुछ ऐसा ही फैसला लेकर ग्रामीणों ने गांव को कोरोना से बचाने की तैयारी कर ली है। जहां पर बैठक लेकर तय किया गया है कि सभी ग्रामीण तीजा पर पाबंदी लगाएंगे। ना किसी को जाना है ना किसी को आना है। अगर जो भी अपनी जिद या मनमानी करेंगे, उन्हें आने-जाने पर 28 दिन स्कूल में क्वॉरेंटाइन पर रहना पड़ेगा। सर्वसम्मति से बैठक लेकर यह फैसला ग्रामीणों ने लिया है तो इसी तरह ग्राम सुंदरा में भी रक्षाबंधन पर बंधन तय किया है कि भाई बहन राखी बांधने के लिए गांव से बाहर नहीं जा सकेंगे। जो भाई गांव से बाहर रहते हैं उन्हें वही से ही अपनी बहन की ओर से राखी खरीद कर पहनना होगा।

सुंदरा में हुई बैठक

सुरेंद्र देशमुख ने बताया कि यह नियम तीजा पर्व पर भी लागू रहेगा। निवेदन किया गया है कि वे गांव में किसी भी बहन बुआ को तीजा नहीं भेजेंगे ना ही किसी को तीजा लाएंगे। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए ग्राम समिति ने यह निर्णय लिया है। जिसमें सभी की सहमति है।

उक्त निर्णय से अन्य ग्रामीणों व लोगों को प्रेरित करने के लिए सोशल मीडिया पर भी पोस्ट वायरल कर के ग्रामीण जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं।

जगन्नाथपुर सहित कई गांव में हुई मुनादी
कोरोना के खतरे को भांपते हुए और समय पर इसके नियंत्रण के लिए कई गांवों में मुनादी हो रही है। जगन्नाथपुर में भी मुनादी करवाई गई है कि बाहर के लोगों को ना आने दे तो वही गांव से भी बाहर जाने से बचें। सरपंच अरुण साहू ने कहा कि शासन की ओर से अलग से आदेश तो नहीं आया लेकिन गांव की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह पहल की जा रही है ताकि कोई खतरा ना बना रहे क्योंकि अभी कोरोनावायरस के नए-नए केस सामने आए हैं। इसलिए गांव को बचाने के लिए यह बंदिश भी जरूरी है।