फार्मासिस्ट दिवस विशेष :तीन फार्मासिस्ट मित्रों के सोच ने आम जनों के लिए बना वरदान मेडिसिन बैंक खोलकर घर में बेकार पड़े दवाइयों को पुनः उपयोग में लिया और एक वर्ष में लगभग 25 हजार का दवाईयां आम जनों को निःशुल्क देकर लाभांवित किये

आज विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर पुरे देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनायेंगे

दैनिक बालोद न्यूज/डोंगरगांव।आज दुनियाभर में स्वास्थ्य सेवाओं में विशेष योगदान देने वाले फार्मासिस्ट को समर्पित खास दिन मनाया जा रहा है। इस दिन विश्व फार्मासिस्ट दिवस के तौर पर हर साल 25 सितंबर को मनाते हैं। फार्मासिस्ट स्वास्थ्य सेवा से जुड़े वह लोग हैं जो बतौर चिकित्सा पेशेवर दवाओं की आपूर्ति करते हैं और मरीजों को डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन दवाएं उपलब्ध कराते हैं साथ ही मेडिसिन के निर्माण से लेकर रिसर्च तक फार्मासिस्ट का एक विशेष भूमिका है ऐसे ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोंगरगांव के तीन फार्मासिस्ट मित्र जिसमें फार्मासिस्ट विशाल खत्री, फार्मासिस्ट भोज कुमार साहू व फार्मासिस्ट खेमराज लहरें ने मिलकर जन हित में पिछले वर्ष फार्मासिस्ट दिवस पर मेडिसिन बैंक का शुभारंभ किया था जो कि एक वर्ष पूर्ण हो गया है एक वर्ष में लगभग 25 हजार रुपए तक के दवाईयां मेडिसिन बैंक में जमा हुआ साथ ही इस दवाईयों को अस्पताल में आये मरीजों को पुनः वितरण कर उपयोग में लिया गया जिससे जन मानस के दवाई जन मानस को निशुल्क वितरण करके मेडिसिन के वेस्टेज व आम जन मानस के बजट में भी बचाव किया गया।

क्या है मेडिसिन बैंक आपको जानना बहुत जरूरी है

अधिकांश लोग बीमार होने के बाद चिकित्सक के पास पहुंच अपना इलाज करवाते हैं और मेडिकल स्टोर्स पहुंचकर डाक्टर के द्वारा प्रिस्क्रिप्शन दवाई लेकर दवाई खाना शुभारंभ करते हैं और दो तीन खुराक खानें के बाद ठीक लगने पर दवाईयां खाना बंद कर देते हैं जबकि डाक्टर के द्वारा लिखें दवाई पुर्ण रूप से खाना आवश्यक होता है क्योंकि पूर्ण दवाईयां खानें पर ही आपके बीमारी को पूर्ण रूप से ठीक होता है लेकिन हम जल्द बाजी में दवाई खाना बंद कर देते हैं ऐसे बचें हुए मेडिसिन को कुड़ादान में फेंक देते हैं या घर के कोने में पड़े पड़े एक्सपायरी हो जाते हैं इसी मेडिसिन का उपयोग में लाने के लिए मेडिसिन बैंक का शुभारंभ किया था जोकि छत्तीसगढ़ का एक मात्र मेडिसिन बैंक है जहां पर आप अपना मेडिसिन बैंक जमा कर सकते हैं और आप अपने जरूरत का मेडिसिन निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं इसके लिए आपको मेडिसिन में फार्मुला साफ सुथरी व एक्सपायरी डेट लगभग तीन माह बचा हो ऐसे दवाईयां मेडिसिन बैंक में रखते है इसे दवा की बर्बादी व आर्थिक बर्बादी से भी बच सकते हैं अगर आप भी मेडिसिन बैंक में दवा जमा करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से इन से संपर्क कर के जमा कर सकते हैं। ये तीनों फार्मासिस्ट मित्रों के प्रयास सराहनीय है। ऐसे फार्मासिस्टो को हम उनके दिवस पर आपके सामने लायें है।

 फार्मासिस्ट दिवस का इतिहास

प्रतिवर्ष 25 सितंबर को मनाया जाने वाला विश्व फार्मासिस्ट दिवस को पहली बार साल 2009 में मनाया गया था। इस दिन को मनाने की मांग इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन (एफआईपी) ने वर्ष 2000 में इस्तांबुल में आयोजित एक सम्मेलन में की थी। सम्मेलन के दौरान इस दिन को मान्यता दे दी गई। हालांकि पहली बार इस्तांबुल, तुर्की में फार्मेसी और फार्मास्युटिकल साइंस को एफआईपी ने विश्व कांग्रेस में 2009 को मनाया।

इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के द्वारा आज डोंगरगांव में फार्मासिस्ट दिवस कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं

इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन भारत का सबसे का बड़े संगठन है फार्मासिस्ट भोज कुमार साहू जिला अध्यक्ष राजनांदगांव ने उक्त कार्यक्रम के बारे में बताया कि पुरे विश्व भर में फार्मासिस्ट अपने उक्त दिवस को हर्ष उल्लास के साथ मनायेंगे इसीक्रम में इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले पर जिला के फार्मासिस्टो को एकजुट करते हुए डोंगरगांव में कार्यक्रम का आयोजन शासकीय अर्धशासकीय व प्राइवेट सेक्टर में कार्य कर रहे हैं सभी फार्मासिस्टो को उक्त कार्यक्रम में आमंत्रित किया फार्मासिस्टो के समाज मे योगदान व उनके दायित्वों पर चर्चा करते हुए कार्यक्रम का आयोजन होंगा।