सब बने-बने रहू, कोई दिक्कत हे ते बताहू, कोरोना से डर हु झन, कोनो भी बात ल झन छिपाहु

क्वॉरेंटाइन सेंटरों की निगरानी कर रही महिला कमांडो, पूछ रही इस अंदाज में लोगों का हाल

बालोद।
जब से कोरोना को लेकर लॉकडाउन शुरू हुआ है तब से लेकर लगातार जिले की महिला कमांडो सेवा भाव से अपने अपने गांव में काम कर रही है। आज यह कमांडो सेवा की मिसाल बन चुकी है। नए-नए तरीकों से लोगों को कोरोनावायरस से जागरूक तो कर ही रही है तो इन दिनों दूसरे राज्यों से लौटे हुए मजदूरों को का भी हौसला बढ़ा रही है। क्वॉरेंटाइन सेंटरों की निगरानी का जिम्मा भी पुलिस प्रशासन ने इन महिला कमांडो को सौंपा हुआ है। निगरानी के अलावा यह कमांडो उन लोगों की सेंटर के बाहर जाकर उनका हाल भी जान रही है। चुपके से महिला कमांडो लोगों से पूछती है, भीतर सब बने बने रहू, कोई बात रही तो बताहू, कोरोना ल भगाना हे, भैया हो, बहिनी हो शांति से काम लेहु, कोनो बात ल झन छिपाहु।

क्वॉरेंटाइन सेंटर में दिन और रात दोनों समय अलग-अलग शिफ्ट में कमांडो निगरानी करती है। अगर किसी सेंटर में किसी को कोई तकलीफ होती है तो वह इन कमांडो को सूचित करती है और समय रहते उन लोगों को शासन प्रशासन की ओर से मदद पहुंचाई जाती है।

कोरोना से डरने की नही सतर्क रहने की जरूरत- शमशाद बेगम

शमशाद बेगम

महिला कमांडो की प्रमुख पद्मश्री शमशाद बेगम ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए महिला कमांडो की टीम अपने-अपने गांव में लोगों को जागरूक कर रही है तो यह समझाइश भी दे रही है कि कोरोना से डरने की नहीं सतर्क रहने की जरूरत है। लोग अपने-अपने घरों में रहे और अति आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकले। एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें। लॉकडाउन वन, टू, थ्री, फोर में भी लगातार शांतिप्रिय तरीके से लॉकडाउन के नियम का पालन करते हुए अपना काम कर रही है।

अनाज बैंक में भी की मदद, भूखों की दूर की समस्या

बोरी की महिला कमांडो भीमेश्वरी शांडिल्य ने बताया कि सिर्फ लॉकडाउन के दौरान निगरानी ही नहीं बल्कि इस दौरान गरीब तबके के लोगों पर आई मुसीबत को दूर करने के लिए कमांडो की टीम ने अपने-अपने गांव में मदद की मुहिम भी छेड़ी। जिसके अंतर्गत कमांडो स्वयं के अलावा दूसरों के घर से भी अन्न दान करवाकर अनाज इकट्ठा करके अनाज बैंक में दान किए हैं। इस मुहिम से कई भूखों की भूख मिटाई गई तो कई लोगों तक राहत भी पहुंचाई गई। प्रशासन द्वारा शुरू किए गए अनाज बैंक में भी महिला कमांडो ने योगदान दिया। अब क्वॉरेंटाइन सेंटर में भी जरूरतमंदों की मदद की जा रही है।

सेंटर में रहने वाले तनाव न पालें इसलिए उनके लिए भोजन भी पका रही कमांडो

सिरपुर के अलावा कई गांव में महिला कमांडो क्वॉरेंटाइन में रहने वाले मजदूरों के लिए बाहर से भोजन पका कर भी दे रही है। सिरपुर की महिला कमांडो निर्मला साहू कहती है कि हमारे गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर में जो लोग रुके हैं हमारे ही भाई बहन हैं, हम लोगों को निशुल्क भोजन पका कर देते हैं और उनका मनोबल भी बढ़ाते रहते हैं। जिससे हम कमांडो बहनों को बहुत शांति महसूस होती है। हम इनकी थोड़ी सी सेवा कर रहे हैं ताकि सेंटर के भीतर पाबंदी के दायरे में रह रहे उन लोगों का हौसला भी बना रहे और वे खुद को किसी भी तरह से परेशान महसूस ना करें। अंदर रहने वाले लोगों को हम हौसला बढ़ा कर कहते हैं कि घबराने की जरूरत नहीं है बस कुछ दिन की तो बात है फिर उनकी जिंदगी भी पटरी पर आ जाएगी और हम कोरोना से जंग जीत जाएंगे। कोरोना से लड़ाई लड़ने के लिए यह दूरी और पाबंदी दोनों जरूरी है।