Exclusive- किर्गिस्तान में फंसी हैं बालोद जिले की भी बेटियां, मेडिकल की पढ़ाई के लिए गई अब तक लौट नहीं पाई
दीपक यादव, बालोद। किर्गिस्तान में भी मेडिकल की पढ़ाई के लिए गए हुए 242 छात्र-छात्राएं फंसे हुए हैं। सभी छत्तीसगढ़ के हैं जिसमें बालोद के भी कई बेटियां शामिल है। वहां कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है और दोबारा लॉकडाउन की स्थिति बन रही है। ऐसे में बच्चे घर नहीं आ पा रहे हैं तो वही विदेश में रह रहे उन बच्चों की चिंता उनके पालकों को सता रही है। शासन प्रशासन की ओर से इस पर अब तक ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे चिंतित होकर जिले के पालकों ने भी सांसद कांकेर लोकसभा क्षेत्र मोहन मंडावी से मुलाकात कर बच्चों की वापसी की अर्जी लगाई है। पर अब तक शासन प्रशासन व किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा इस दिशा में पहल नहीं की जा रही है। जिससे उन बच्चों के पालकों की चिंता बढ़ने लगी है तो वही बच्चे भी घर लौटने की आस में विदेश में गुमसुम से जिंदगी गुजार रहे हैं। एक उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कभी तो कोई आएगा और हमें अपने वतन ले जाएगा। वंदे मातरम मिशन के तहत दूसरे देशों व राज्यों में फंसे हुए बच्चों को फ्लाइट के माध्यम से अपने मूल वतन व राज्य में लाया जाता है। इसके तहत पिछले दिनों किर्गिस्तान से 258 छात्र छत्तीसगढ़ लौट भी चुके हैं लेकिन यह 242 छात्र अभी वहां फंसे हुए हैं। जो सोशल मीडिया के जरिए भी अपनी फोटो शेयर करके अपील कर रहे हैं कि हम अपने घर जाना चाहते हैं।
पिता की जुबानी ,वहां की कहानी
बालोद में रहने वाले एक पिता जय राम निर्मलकर ने कहा कि उनकी बेटी किर्गिस्तान में पढ़ाई करती है। कोरोना के खतरे के बीच उनकी जान आफत में है । वहां संक्रमण बढ़ चुका है। हॉस्टल में गुजारा कर रही है। लेकिन घर वापसी नहीं हो पा रही है।
कई दिनों से हम संबंधित अफसरों को आवेदन देकर थक चुके हैं। सांसद जी ने भी इस संबंध में पत्र लिखा है। जिले सहित छत्तीसगढ़ की छात्राएं और छात्र किर्गिस्तान के राजधानी बिश्केश, जलालाबाद ओश और कांत में फंसे हुए हैं।
आप भी जानिए कहां है किर्गिस्तान
विश्व के नक्शे पर किर्गिस्तान भारत के उत्तर दिशा की ओर है। जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान तजाकिस्तान के बाद इसका नंबर आता है। इस देश का एक हिस्सा चीन के बड़े हिस्से से भी लगा हुआ है तो यह रशिया का भी पड़ोसी देश है।