Exclusive- जंगली सुअर का अवैध शिकार करने वालों का गिरोह फूटा, दो गिरफ्तार, वन विभाग के स्टाफ ने रंगे हांथ पकड़ा, सात आरोपी हो गए फरार, देखिए वीडियो भी

रंगे हांथ पकड़े गए आरोपी

घनश्याम साव, डोंगरगांव। अंचल के खुज्जी वन परिक्षेत्र में पिछले कई महिनों से जंगली सुअर का अवैध शिकार करने वाला एक गिरोह पकड़ा गया है। यह गिरोह जंगली सुअर का शिकार कर उसके मांस को लोगों बेच देते थे। ग्रामीणों की सूचना पर की गई वन विभाग की इस बड़ी कार्रवाई में दो युवक को रंगे हांथ गिरफ्तार किया गया है जबकि गिरोह के 7 आरोपी फरार हो गए है। खुज्जी वन परिक्षेत्र में घने जंगल व खेत हैं। जहां लंबे समय से जंगली सुअरों का आतंक रहा है। पिछले कई वर्षों से जंगली सुअरों के खेतों तक आकर फसल को नुकसान पहुंचाने की खबरें आ चुकी है। वहीं कई बार इन जंगली सुअरों द्वारा खेत में काम कर रहे महिला – पुरूषों पर हमला कर उन्हें घायल कर देने की घटनायें भी हो चुकी है।


इस तरह मिला था क्लू
कई महिनों से ग्रामीण इन जंगलों के अलग – अलग क्षेत्रों में कुछ पुरूषों को समूह में देखते थे, जो जंगल से कभी कभार जलाऊ लकड़ी आदि बीनने का कार्य कर रहे थे। लेकिन इस बीच एक – दो बार कुछ लोगों को बोरे में भरकर कुछ चीज ले जाते भी देखे थे। लेकिन उस समय इतना ज्यादा ध्यान नहीं दिये। लेकिन बीते दिनों क्षेत्र में यह बात उजागर हुई कि आसपास के ही गांव के रहने वाले कुछ लोग जंगली सुअरों को मारकर उसका मांस बेचने के कार्य में लगे हुए हैं। जंगली सुअरों को अवैध रूप से मारे जाने और उसमें बड़ा गिरोह होने की सूचना के बाद वन विभाग में हडक़ंप मच गया और एसडीओ सहित वन परिक्षेत्र अधिकारी दलबल के साथ घटनास्थल को रवाना हुए। यहां पर उन्होनें दो युवकों को साल्हे – करमरी नाला के पास पकड़ा, साथ ही उनके कब्जे से एक मृत जंगली सुअर की बरामदगी की गई।
पकाकर खाने ले जा रहे थे युवक
ग्रामीणों की सक्रियता से पकड़े गए आरोपी युवक लोकेश आ. देवदास महार, उम्र 21 वर्ष निवासी ग्राम मनकी (पिनकापार) व पोखन आ. यादवराम यादव उम्र 18 वर्ष, निवासी कुंआगांव (पिनकापार) ने वन विभाग के अधिकारियों को पूछताछ में बताया कि वे काफी दिनों से ये काम कर रहे हैं। उन्होनें बताया कि जंगली सुअर को मारकर वे उसका मांस आसपास के गांवों में बेच देते थे। जिससे उन्हें अच्छी खासी आमदनी हो जाती थी। पूछताछ में उन्होनें यह भी बताया कि वे अलग – अलग क्षेत्रों से जंगली सुअर को मारते थे, ताकि किसी को पता न चले।

एक दर्जन लोगों का है गिरोह
वन विभाग के अधिकारियों को आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनके गिरोह में लगभग एक दर्जन लोग हैं, जो अलग – अलग क्षेत्रों में जंगली सुअरों को मारने का कार्य करते हैं। इनमें से अधिकांश लोग ग्वालिनडीह, कुंआगांव, मनकी, खामतराई, करमरी, गोड़लवाही, फुलसुंदरी, साल्हे सहित अन्य ग्रामों के रहवासी हैं। पूछताछ में गिरोह के अनेक सदस्यों का नाम सामने आया है, जिसको पकडऩे का प्रयास वन विभाग द्वारा किया जा रहा है।
वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम का केस दर्ज
इस संबंध में वन परिक्षेत्र अधिकारी नारायण प्रसाद झारिया ने बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। साथ ही अन्य आरोपियों को पकडऩे के लिए अलग – अलग टीम बनाकर रवाना किया गया है। इस मामले में पुलिस विभाग का भी सहयोग लिया जा रहा है। वन मंडलाधिकारी के मार्गदर्शन में की गई संपूर्ण कार्यवाही में वन विभाग के एसडीओ शिवेन्द्र साहू, वन परिक्षेत्र अधिकारी नारायण प्रसाद झारिया, सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी के. एल. निषाद, वनरक्षक देवेन्द्र सलामे, कमलेश जांगड़े, गनपत देवांगन सहित अन्य कर्मचारी शामिल थे।