भारी बारिश के कारण नदी किनारे के खेतों में कटाव मिट्टी के साथ धान फसल सब बह गया
कईयों एकड़ फसल बर्बाद, किसानों को भारी नुकसान
दैनिक बालोद न्यूज/घनश्याम साव/डोंगरगांव।पिछले 24 घंटे से अंचल में भारी बारिश हो रही है। इसके कारण सारे नदी नाले उफान पर है। बारिश के कारण ही शिवनाथ नदी के किनारों में अनेक स्थानों पर कटाव की स्थिति निर्मित हो गई है। ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें तेज बहाव और कटाव के कारण दर्री मटिया एनीकट के समीप के खेतों को भारी नुकसान पहुंचा और आसपास के अनेक खेत तेज बहाव में जमींदोज हो गये।
जानकारी के अनुसार कभी रूक – रूककर तो कभी तेज बारिश के कारण अंचल में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। पिछले कई घंटे से हो रही बारिश के कारण ही शिवनाथ नदी एक बार फिर उफान पर है। वहीं मोंगरा बांध से पानी छोड़े जाने की खबर के बीच नगर से मात्र 4 – 5 किलोमीटर दूरी पर स्थित दर्री मटिया एनीकट आज पूरी तरह से बह गया। इसके कारण नदी की दिशा ही बदल गई और तेज बहाव ने आसपास के खेतों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया।
खेतों के तेज बहाव में जलमग्न होने की जानकारी लगते ही आसपास के किसान बड़ी संख्या में वहां जुट गये और हंगामा करने लगे। इसके बाद जागरूक लोगों ने एसडीएम, तहसीलदार सहित सिंचाई विभाग के अधिकारियों तथा जनप्रतिनिधियों को सूचना दी। कतिपय अधिकारी वहां पहुंचे भी लेकिन किसी के पास कुछ करने का समय ही नहीं था।
तेज बहाव में अनेक खेतों की फसल बही
नदी के तेज बहाव ने आज अपना रौद्र रूप दिखाया। तेज बहाव के कारण कल रात से ही नदी किनारे कटाव शुरू हो गया था, जो कि आज नदी किनारे के खेतों तक पहुंच गया। इसके कारण आज अनेक किसानों के खेत की मिट्टी कटाव के कारण नदी में बहने लगी। जिससे अनेक किसानों के खेत में लगाई फसल भी नदी में बह गई।
जानकारी के अनुसार कटाव के कारण मटिया निवासी फगनू पटेल, एशकुमार मंडावी, गणेश निषाद, पलटू पटेल, कुंजु पटेल, प्रेमु पटेल, हरिशंकर साहू, गोपाल निषाद, भुवाल निषाद, हेमू पटेल, राजेन्द्र साहू, मंगलू साहू, साधुराम पटेल, सांवतराम निषाद, लतखोर पटेल, सुखराम साहू के खेतों को क्षति पहुंची है। इन किसानों के लगभग 8 एकड़ की फसल बहने की खबर है।
नदी किनारे के पेड़ भी हुए धराशायी
पता चला है कि तेज बहाव में एनीकट के क्षतिग्रस्त होने और कटाव होने से शिवनाथ नदी के किनारे खेतों के मेड़ में स्थित अनेक पेड़ों के बहने की भी खबर है। जानकारी अनुसार नदी किनारे स्थित आम, महानीम, कहुवा पेड़ आदि के लगभग 8 से 10 पेड़ों के बहने की भी खबर है।
मूकदर्शक बने रहे अधिकारी
खेतों के कटाव होने की खबर मिलने के बाद सिंचाई विभाग के कार्यपालन अभियंता जीडी रामटेके, उपअभियंता किरण रामटेके, सीके सोनी आदि नदी किनारे पहुंचे और मौका निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान उन्हें अनेक किसानों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ा और कुछ ने उन्हें खरीखोटी भी सुनाई।
इस पर अधिकारियों ने कहा कि उन्हें दर्री एनीकट के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिली थी, परन्तु वर्षा ऋतु में नदी में पानी भरे होने के कारण किसी तरह की मरम्मत की गुंजाइश ही नहीं थी।