कुमकुम आत्महत्या केस-टिक-टॉक पर बनाई थी कैसे जी हूं मैं तोर बिना, गाने पर वीडियो, कहीं ये कुछ इशारा तो नही? देखिए वीडियो
सांस्कृतिक टीम की कलाकार रही 14 साल की छात्रा ने लगाई है फांसी, वजह है अब तक राज
बालोद। बालोद ब्लॉक के ग्राम सिवनी में शुक्रवार शनिवार की दरम्यानी रात को 14 साल की कक्षा नौवीं की छात्रा कुमकुम ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। आत्महत्या की वजह क्या है यह अब तक पुलिस और परिवार वालों के लिए राज बना हुआ है। क्योंकि ऐसा कुछ सुराग नहीं मिल पाया है जिससे कह सके कि इस वजह से कुमकुम ने यह कदम उठाया होगा। पुलिस पूरे पहलुओं पर जांच कर रही है। मोबाइल कॉल डिटेल निकाल रही है तो घर की भी तलाशी ली जा रही है कि कहीं कुछ ऐसी चीज मिल जाए जिससे आत्महत्या की वजह तक पहुंच सके।
कुमकुम अपनी मां लक्ष्मी बाई की तरह सांस्कृतिक क्षेत्र में रुचि रखती थी। उनकी मां लक्ष्मी पहले लोकरंग अर्जुंदा की प्रमुख गायिका थी तो अब वह इस साल से कारी बदरिया सांस्कृतिक संस्था मोखा की गायिका बनकर प्रस्तुति देती है। कभी-कभी बेटी भी उनके साथ जाती थी तो मां से प्रेरणा लेकर कुमकुम भी डौंडीलोहारा क्षेत्र के लोक सृजन सांस्कृतिक संस्था में भी भाग लेने के लिए जाती थी। जहां वह गायिका और नृत्य दोनों में अपनी प्रतिभा दिखाती थी। हंसमुख स्वभाव व सब से मिलजुल कर रहने वाली कुमकुम को ऐसी क्या परेशानी थी जिसके चलते उसने यह कदम उठा लिया यह किसी को समझ में नहीं आ रहा है।
टिक- टॉक पर बनाती थी कॉमेडी और दर्दीले वीडियो
कुमकुम टिक-टॉक पर भी एक्टिव रहती थी। टिक-टॉक में उसने अपनी मां के नाम से ही आईडी बनाई है। जिसमें वह अक्सर छत्तीसगढ़ी गानों पर अभिनय करके वीडियो पोस्ट करती थी। कभी छत्तीसगढ़ी कॉमेडी तो कभी हिंदी कॉमेडी में भी अभिनय करती नजर आती थी। एक वीडियो में छत्तीसगढ़ी गाने कैसे जी हूं मैं तोर बिना, मैं तो मर जाहु,,,, पर भी मार्मिक प्रस्तुति देते हुए कुमकुम ने वीडियो शेयर की है। जो आज उसके आत्महत्या के इस कदम की ओर भी इशारा कर रहा है। कारण जो भी हो राज दफन है। जिसे सामने लाने की कोशिश पुलिस कर रही है। परिजन ज्यादा कुछ जानकारी नहीं दे रहे हैं।
रात भर लटकी रही लाश, चूहों ने उंगली कुतर दी थी
रात लगभग 11 बजे कुमकुम ने फांसी लगाई। मौत से पहले वह घर पर टीवी देख रही थी। उसकी मां कुछ दूर कमरे में पलंग पर सोई हुई थी। जब 11 बजे के बाद वह बाथरुम जाने उठी तो टीवी बंद करने की बात कहते हुए वह कुमकुम की ओर गई। देखकर वह दंग रह गई । बेटी फंदे पर लटकी हुई थी। आसपास के लोगों को उन्होंने बुलाया। घटना की जानकारी दी। रात होने के कारण लाश को उतारना मुमकिन नहीं था सो वह रात भर लटकी रही। लेकिन सुबह जब घर वालों ने कमरे का दरवाजा खोला तो उस मासूम छात्रा के पैरों को चूहों ने कुतर दिया था। पूरा खून कमरे में बह गया था।
इधर लॉकडाउन में नागपुर में फंसे हैं पिता, बेटी के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाए
कुमकुम के पिता सागर लाल नागपुर में काम करते हैं। जो लॉकडाउन के चलते वहीं फंसे हुए हैं। घर नहीं आ पाए हैं। कोरोना के कारण बेबसी ऐसी थी कि पिता बेटी के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाए। कुमकुम के बड़े पिता ने अंतिम संस्कार का फर्ज निभाया।
पुलिस को भी रिपोर्ट का इंतजार
शनिवार को दोपहर 12 बजे मृतिका के शव को पीएम के लिए जिला अस्पताल लाया गया था। जहां पहले पुरुष डॉक्टर ने पीएम किया फिर मामला संवेदनशील होने के कारण महिला डॉक्टर बर्मन ने भी दोबारा जांच की। पुलिस को अभी पीएम रिपोर्ट का भी इंतजार है तो वहीं मामले की जांच में जुटी महिला प्रधान आरक्षक नर्मदा कोठारी का कहना है कि मृतिका के पैर के उंगलियों को चूहे या किसी कीड़े ने काट दिया था। जिससे काफी खून बह गया था तो पेट उभरा हुआ था। अब इसकी वजह क्या हो सकती है इसका खुलासा पीएम रिपोर्ट से ही हो पाएगा। बाकी अन्य पहलुओं पर भी हम जांच कर रहे हैं। मृतका की मां से भी पूछताछ होगी।