विश्व रक्तदान दिवस पर रक्तवीरों को सलाम- 4 साल में डोनेट ब्लड ग्रुप के युवाओं ने 4000 से ज्यादा लोगों की रक्तदान कर बचाई जान
लॉकडाउन में भी नही हारे जहां रहे वहीं से करते रहे मदद, गरीब परिवार के बच्चों का इलाज भी करवा रहे,,,,
दीपक यादव,बालोद/ विजय गुप्ता,दल्लीराजहरा। दल्लीराजहरा के डोनेट ब्लड ग्रुप के युवा आज के जमाने में असल रक्तवीर की भूमिका निभा रहे हैं। अब तक 4 साल में ग्रुप से जुड़े हुए युवाओं ने 4000 से ज्यादा लोगों को रक्तदान कर नई जिंदगी दी है। 4 साल पहले जिस ग्रुप की शुरुआत 10 से 12 लोगों से हुई थी, आज इस ग्रुप में सोशल मीडिया के जरिए 450 सदस्य और अलग से 500 से ज्यादा सदस्य जुड़े हुए हैं। जो सिर्फ दल्ली राजहरा ही नहीं बल्कि बालोद जिले के कई कोने के अलावा छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों और दूसरे राज्यों में भी अपना लिंक तैयार कर लोगों को समय पर ब्लड दिलवा रहे हैं। लॉकडाउन व कोरोना जैसी मुसीबत के दौरान भी इनकी सेवा जारी रही।
इसलिए युवाओं ने उठाया यह बीड़ा,,,
रक्तदान के लिए किसी को भटकना न पड़े और ब्लड का अवैध कारोबार बंद हो, इसलिए युवाओं ने ये पहल शुरू की है। युवाओं का कहना है कि आगे भी दूसरों की जिंदगी में खुशियां बिखेरने की यह कोशिश जारी रहेगी।
कई सम्मान व अवार्ड भी मिलें
पिछले दिनों डीबी ग्रुप के युवाओं की पहल को राजस्थान की एक संस्था ने सराहा। उन्हें नेशनल अवार्ड से नवाजा गया। 22 सितंबर को जयपुर के हनुमानगढ़ में ग्रुप के अध्यक्ष दीपक साहू को अवार्ड दिया गया। हाल ही में श्री साई नाथ जन सेवा समिति भिलाई ने भी ग्रुप के कार्य को सम्मानित किया। दूसरे राज्यों व जिलों में भी युवाओं का लिंक तैयार है। जिसके जरिए वे लोगों की रक्तदान के जरिए मदद करते हैं।
पहले डायरी में लिखते थे नंबर, 10 से हुई शुरुआत आज 1000 सदस्य हुए
ग्रुप के अध्यक्ष दीपक साहू, सचिव पवन सोनी ने कहा कि 4 साल पहले वाट्सएप ग्रुप चलन में नहीं था। तब से हमने लोगों को रक्तदान की पहल शुरू की। लोगों को रक्त के लिए भटकते देख यह ख्याल आया कि युवाओं की टीम बनाकर इस पहल की शुरुआत करें। वाट्सएप ना होने के कारण उस समय डायरी में रक्तदाताओं के मोबाइल नंबर, टेलीफोन नंबर, ब्लड ग्रुप लिख कर रखते थे। फिर वाट्सएप की शुरुआत हुई और हमने 70 लोगों को जोड़कर एक ग्रुप बनाया। फिर कारवां बढ़ता ही गया।
कैंसर पीड़िता की इलाज में भी कर रहे मदद
डीबी ग्रुप के युवा सिर्फ रक्तदान ही नहीं बल्कि जरूरतमंद व गरीब परिवार के बच्चों का इलाज भी करवाते हैं। अब तक चंदे व संजीवनी सहायता कोष की मदद से 4 बच्चों का इलाज करवा चुके हैं। अभी मानपुर क्षेत्र के दिव्यानी ठाकुर जो सिंड्रोम नामक बीमारी से ग्रसित है, का इलाज 2 साल से दिल्ली के एम्स अस्पताल में करवाया जा रहा है। जहां हर 3 महीने में उनकी मां, बेटी को लेकर जाती है। पिता महेंद्र ठाकुर हैदराबाद में मजदूरी करते हैं। इलाज के लिए युवा अपने स्तर पर मदद करते हैं। इसके अलावा गुरुर ब्लॉक की एक कैंसर पीड़िता दीपा जोगी के इलाज, कीमोथेरेपी में भी मदद कर रहे हैं। लॉकडाउन के बाद भी युवाओं की यह मुहिम जारी है।