प्रोजेक्ट के जरिए निकाले स्वाध्यायी छात्रों के जनरल प्रमोशन का रास्ता- मोरध्वज साहू
सांसद प्रतिनिधि ने कलेक्टर को छात्र हित में सौंपा ज्ञापन
बालोद। शासकीय महाविद्यालय बालोद के सांसद प्रतिनिधि मोरध्वज साहू ने जिले के नव पदस्थ कलेक्टर जनमेजय महोबे को ज्ञापन के माध्यम से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम महाविद्यालयीन स्वाध्यायी विद्यार्थियों की समस्या के निराकरण के संबंध में ज्ञापन सौंपा। उक्त ज्ञापन में मोरध्वज साहू ने कहा है कि जब महाविद्यालय के प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के नियमित विद्यार्थियों को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर जनरल प्रमोशन देने का निर्णय लिया जा रहा है तो प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के स्वाध्यायी छात्रों को भी किसी न किसी आधार के माध्यम से जनरल प्रमोशन दिया जा सकता है। उचित लगे तो महाविद्यालय या विश्वविद्यालय एसइन्मेंट बनवा कर या प्रोजेक्ट आदि को आधार मानकर स्वाध्यायी छात्रों को जनरल प्रमोशन दे सकती है। स्वाध्यायी छात्रों का ऐसे महामारी के समय में परीक्षा लेना या सामूहिक रूप से किसी स्थान पर इकठ्ठा होने देना अभी उचित नही होगा। मोरध्वज ने कहा कि वर्तमान में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के चलते प्रत्येक वर्ग प्रभावित है चाहे वह किसान हो, व्यापारी हो, या विद्यार्थी हो। आज की स्थिति में कोरोना से लड़ने का केवल एक ही महत्वपूर्ण हथियार है सोशल डिस्टेंसिंग। जिसके पालन के चलते छत्तीसगढ़ बाकि राज्यों की अपेक्षा कोरोना की बड़ी मात्रा में चपेट में आने से बचता रहा है। हाल ही के दिनों में राज्य में जिस प्रकार मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है उससे यह प्रतीत होता है कि हमे और भी सतर्क या जागरूक होने की आवश्यकता है। जब सरकार अनेक महत्वपूर्ण मामलों पर रियायत दे रही है तो स्वाध्यायी छात्रों को भी किसी न किसी आधार के माध्यम से जनरल प्रमोशन दे देना ही उचित है, क्योंकि प्रदेश में स्वाध्यायी छात्रों की संख्या काफी ज्यादा है और उनकी परीक्षा विश्वविद्यालय द्वारा ली जाती है तो उनके साथ अन्याय तो होगा ही, संक्रमण का बहुत बड़ा जोखिम भी हो सकता है।
उच्च शिक्षा विभाग नियमित छात्रों को जनरल प्रमोशन इसलिए दे रही है कि उनके परीक्षा दिलाने हेतु सामूहिक रूप से इकट्ठा होने से कोरोना संक्रमण का खतरा हो सकता है तो स्वाध्यायी विद्यार्थियों के परीक्षा देने हेतु इकट्ठा होने से भी तो संक्रमण का खतरा हो सकता है। छत्तीसगढ़ शासन वास्तव में अगर विद्यार्थियों का हित चाहती है तो छात्रों में भेदभाव न कर समझदारी से काम लेते हुए सभी विद्यार्थियों के लिए जनरल प्रमोशन की घोषणा कर अगले सत्र की ओर आगे बढ़े, क्योंकि पहले से ही महामारी के संक्रमण के भय से सत्र समाप्ति में काफी विलंब हो चुका है। अगर ऐसी ही असमंजस की स्थिति रही तो अगले सत्र की शुरुवात होने में और भी विलंब होगा। जो विद्यार्थियों के अनुकूल नही होगा। इस समस्या के साथ-साथ मोरध्वज साहू ने स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों के परीक्षा के संबंध में भी स्पष्ट आदेश जारी करने की मांग की ताकि स्नातकोत्तर के विद्यार्थी भी असमंजस की स्थिति में न रहे। छत्तीसगढ़ शासन एवं उच्च शिक्षा विभाग से उम्मीद है कि वे ऐसी समस्या का जल्द निराकरण करेंगे।