ITI में कार्यरत प्रवक्तों के लॉकडाउन के दौरान वेतन में 80%की कटौती, सांसद संतोष पांडे ने की मेहमान प्रवक्ताओ से बात

राजनांदगांव/डोंगरगांव। छत्तीसगढ़ के 181 आईटीआई में एक ओर जहां लगभग 40 प्राचार्यों द्वारा मेहमान प्रवक्तों का वेतन सही आंकलन करते हुए और मानवीयता का परिचय देते हुए पूर्ण वेतन दिया गया है, वही दूसरी ओर लगभग 141 प्राचार्यो द्वारा अलग तरीके से आंकलन करते हुए वेतन में कटौती की जा रही हैैं। मेहमान प्रवक्ताओं का वेतन अन्य नियमित कर्मचारी की तुलना में एक तिहाई मात्र 10 हजार रुपये उसमे से भी मार्च माह में से अब तक मेहमान प्रवक्ताओं का मानदेय नही मिला है ,जिससे हमें आंशिक ओर मानसिक रूप से प्रतारणा का सामना करना पड़ता है जब कि श्रम विभाग का आदेश है कि किसी भी कर्मचारी की वेतन में कटौती नही करना हैं।

प्राचार्यो का कहना है कि हम सिर्फ अपने ही विभाग का आदेश मानेंगे

प्राचार्यों का कहना है हमें विभाग से आंकलन करने का आदेश प्राप्त हुआ है, इस पर आंकलन कर कटौती की जा रही हैं। जब इन्ही प्राचार्यो द्वारा नियमित ओर संविदा कर्मचारियों को बिना आंकलन किये या किस आधार पर पूर्ण वेतन दिया जा रहा है,ओर पूछने पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं । इसी विभाग में वर्कशॉप बंद है फिर भी वर्कशॉप सहायको को पूर्ण वेतन दिया जा रहा है इसका भी कारण पूछने पर प्राचार्यों द्वारा नियमोट कर्मचारि है करके पल्ला झाड़ देते हैं। इस संबंध में मेहमान प्रवक्ता कल्याण संघ के मेहमान प्रवक्ता सभी का भर्ती नियम 5घंटे एक दिन में ओर 20 दिन महीने का कार्य दिवस है जबकि सभी मेहमान प्रवक्ता प्रशिक्षणार्थियों के हित को ध्यान में रखते हुए 8 घंटे ओर पूरे माह कार्य करते हैं। इसके बावजूद में इस परिस्थिति में वेतन अप्राप्त है विभाग से पूछने पर विभाग अध्यक्ष द्वारा स्पष्ठ बोला गया है कि वे आंकलन कर मेहमान प्रवक्ताओं का वेतन दे सकते है इस आदेश का भी पालन नही हो रहा हैं।
मेहमान प्रवक्तों ने विभाग को तत्काल इसपर विचार कर मानदेय देने की मांग की हैं। इस पर कुछ दिन पहले राजनंदगांव के सांसद संतोष पांडे ने भी राजनांदगांव के प्राचार्य को पत्र लिखा था जिसमे मेहनत कस सभी कर्मचारियों को उनका हक देने की बात कही थी।