किसान विधेयक, किसानों के विकास का रोडमैप है-गांधी


विपक्ष किसानो की समृद्धि के खिलाफ


डोंगरगांव।
राजनांदगांव किसान विधेयक किसानों की आय को दोगुनी करने के साथ किसानों के स्वाभिमान को बढ़ाने वाला उनकी अर्थव्यवस्था में वृद्धि करने वाला और निश्चिंतता से खेती किसानी करने का ग्यारंटी दें वाला विधेयक है।
प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा किसान के हित और कल्याण के लिए लाए गए तीनो विधेयक की भूरि भूरी प्रशंसा करते हुए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दिनेश गांधी ने कहा कि देश मे अब किसानी के विकास का रोडमैप प्रधानमंत्री मोदी जी ने प्रस्तुत कर दिया है जिससे आने वाले समय मे किसांनो की आर्थिक उन्नति के मार्ग का पथ प्रशस्त हो गया है, विपक्ष का विरोध केवल राजनीतिक है,क्योंकि किसानों के कल्याण के लिए लाए गए विधेयक के सारे प्रावधान किसानों को विकास की मंजिल तक ले जाने वाली हैं।


दिनेश गांधी ने कहा कि

इस बिल के अनुसार राज्य की सीमा के अंदर या फिर राज्य से बाहर, देश के किसी भी हिस्से पर किसान अपनी उपज का व्यापार कर सकेंगे. इसके लिए व्यवस्थाएं की जाएंगी. मंडियों के अलावा व्यापार क्षेत्र में फार्मगेट, वेयर हाउस, कोल्डस्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिटों पर भी किसानों को बिजनेस करने की आजादी होगी. इसी तरह यह इस विधेयक के द्वारा कृषि करार के माध्यम से बुवाई से पूर्व ही किसान को उपज के दाम निर्धारित करने और बुवाई से पूर्व किसान को मूल्य का आश्वासन देता है. किसान को अनुबंध में पूर्ण स्वतंत्रता रहेगी, वह अपनी इच्छा के अनुरूप दाम तय कर उपज बेचेगा. इससे किसान फसल के खराब होने की आशंका पर अपनी पूर्व में तय किये गए कीमत को प्राप्त कर सकेगा।


पूर्व पंचायत अध्यक्ष के अनुसार विपक्ष किसानों को इस दृष्टिकोण से भड़का रहा है

कि इस विधेयक से मंडी पद्धति और न्यूनतम समर्थन मूल्य का समापन हो जाएगा ,जो पूरी तरह से गलत है, बल्कि केंद्र सरकार ने किसानों की चिंता को देखते हुए एक महीने पहले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दे दी है. सरकार ने एमएसपी में 50 रुपये से 300 रुपये प्रति क्विंटल तक की वृद्धि की है.किसानों से उनके अनाज की खरीदी FCI व अन्य सरकारी एजेंसियां एमएसपी पर करेंगी.मंडी के बाहर अच्छे दाम मिलने पर किसानों को मंडी टैक्स से विमुक्ति भी मिलेगी,आजादी के बाद से किसानों के कल्याण के लिए यह सबसे बडी सुधारात्मक कदम है जिसका स्वागत करना चाहिये।