Exclusive- केवटी से अंतागढ़ तक जल्द चलेगी ट्रेन, कोलकाता की टीम 21 अगस्त को करेगी निरीक्षण, धूर नक्सल प्रभावित इलाके में कल दौड़ेगी पहली बार ट्रेन

लक्ष्मीकांत बंसोड़, डौंडी (बालोद)। रावघाट परियोजना के तहत अब बहुत जल्द केवटी से आगे अंतागढ़ तक भी ट्रेन चलेगी। इसके लिए सुरक्षा के मापदंडों को परखने के लिए 21 अगस्त को कोलकाता की रेलवे सेफ्टी कमिश्नर की टीम पहुंच रही है। स्थानीय अधिकारी व रेलवे डीआरएम की टीम आज पहुंच गई है। जो अपने स्तर पर निरीक्षण कर रही है। 21 अगस्त को विशेष टीम इस पूरे रेलवे लाइन का जायजा लेगी और सुरक्षा में अगर कहीं कोई कमी है या फिर रेलवे लाइन ट्रेन चलाने लायक है या नहीं इसकी पुष्टि करेगी। सेफ्टी कमिश्नर की ओके रिपोर्ट आने के बाद आगे फिर ट्रेन कब से चलानी है इसकी तारीख तय की जाएगी। हालांकि अभी तो कोरोना काल चल रहा है। कोरोना काल खत्म होने के बाद ही इलाके में ट्रेन चल पाएगी लेकिन अंतागढ़ वासियों सहित बालोद जिले वासियों के लिए भी एक बड़ी खुशखबरी है कि हमारा जिला अब जल्द ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र से रेलवे लाइन के जरिए जुड़ने जा रहा है। जोकि दक्षिण बस्तर के विकास के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।

आजादी के 74 बरस बाद मिलेगी ट्रेन की सुविधा

जंगलों के बीच धुर नक्सल इलाके अंतागढ़ के लिए इस बार आजादी का जश्न कुछ खास होगा, क्योंकि इस जश्न में पहली बार ट्रेन भी रहेगी जो आजादी के 74 बरस बाद पहली बार यहां तक पहुंच रही है। इलाके के बहुत से लोगों ने कभी ट्रेन नहीं देखी है, सभी उत्साहित हैं कि अब जीवन बदलेगा। ट्रेन से लोग आएंगे, दुकानें खुलेंगी, ऑटो चलेंगे, रेलवे में नौकरी भी मिलेगी। हालत ये है कि सिर्फ अंतागढ़ ही नहीं, आसपास 20 किमी दायरे के गांवों में रेलगाड़ी की चर्चा है।
दल्ली राजहरा से गुदुम, भानुप्रपातपुर और अब केंवटी के बाद अंतागढ़ की ओर रेलवे लाइन अपने कदम बढ़ा चुका है। इस परियोजना में प्रमुख रूप से आर वी एन एल से जे,सी साहू,ए के मालवीय,पी पी गवेल, डी के मलिक, जी एस देवांगन पटेल इंजियनरिंग के सुभाष कुकेकर,दया शंकर सिंह, फीड बैक कंसल्ट एजेंसिस से पी के श्रीवास्तव,चन्द्र शेखर शर्मा,रोशन साहू सहित अन्य शामिल हैं।
के आर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपर्स भिलाई के ओनर राणा अरुण कुमार सिंह ने दैनिक बालोद न्यूज़ को बताया माओवादी प्रभावित क्षेत्र में कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपने लक्ष्य से विचलित हुए बिना निर्माण कार्य की पूर्णता की ओर बढ़ते रहे, और आज उन्हें अन्तागढ़ स्टेशन तक कार्य पूर्ण होने पर राष्ट्र निर्माण के कार्य में अपने योगदान पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। आगे उनका लक्ष्य 2021 में ताड़ोकी स्टेशन तक कार्य पूर्णता का है।बीएसपी की लाइफ लाइन रावघाट रेलवे लाइन में अंतागढ़ तक का काम पूरा हो चुका है। बस अब इंतजार है इन पटरियों पर इंजन दौड़ने की। केंवटी से अंतागढ़ तक 18 किलोमीटर तक का ट्रेक बनकर तैयार है। एसएसबी की सुरक्षा के बीच आरवीएनएल ने अपना काम लगभग समय पर कर दिया है। इधर अब रेलवे ने भी इस ट्रेक पर ट्रायल के लिए हरी झंडी दिखा दी है। आरवीएनएल के अधिकारियों की मानें तो 21 अगस्त को कोलकाता से रेलवे सेफ्टी कमिश्नर अपनी टीम के साथ यहां पहुंचेंगे और ट्रेक की बारीकी से जांच करेंगे। इसके लिए रेलवे और एसएसबी ने अपनी तैयारी कर ली है।
टीम के सामने इंजन ट्रायल


रेलवे अधिकारियों के अनुसार कमिश्नर रेलवे सेफ्टी ए के राय व डिफ्टी कमिश्नर सी आर नंदी और उनकी टीम के बारीकी से जांच के बाद उसी दिन इंजन का भी ट्रायल होगा। इंजन ट्रायल होने के बाद सेफ्टी की टीम अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी और जब वह क्लीन चिट देगी उसके बाद ही स्पेशल ट्रेन का ट्रायल कर स्पीड टेस्ट किया जाएगा। रेलवे की मानें तो आने वाले दो महीने के अंदर केंवटी से अंतागढ़ तक ट्रेन शुरू हो सकती है। इधर अंतागढ़ में स्टेशन बनकर तैयार है और वहां प्लेटफार्म से लेकर बुकिंग काउंटर तक का कार्य पूरा हो चुका है। निरक्षण दल में रायपुर रेल से डी आर एम शयाम सुंदर गुप्ता, भावेश पाण्डे, सुधांशु कुमार, पी के पांडे भी शामिल रहेंगे।

अब तक 60 किमी का काम पूरा


केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण रेल परियोजना के तहत दल्ली राजहरा से रावघाट तक रेल लाइन बिछाने का काम 2014 से चल रहा है। 2018 तक दल्लीराजहरा से गुदुम और फिर गुदुम, भानुप्रतापपुर और केंवटी तक 42 किलोमीटर की रेललाइन पिछले साल तक तैयार हो चुकी थी। केंवटी तक ट्रेन शुरू होने के बाद एक साल के अंदर ही अंतागढ़ तक 18 किलोमीटर तक का काम पूरा किया कर लिया गया है। यानी रावघाट की ओर रेलवे ने 60 किलोमीटर तक का काम पूरा कर लिया है।