पर्यावरण प्रेमियों ने बालोद में भालू के संदिग्ध मौत के निष्पक्ष जांच करवाने की मांगों को लेकर मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) दुर्ग से मिले
दैनिक बालोद न्यूज। बालोद जिले में 24 फरवरी को एक भालू संदिग्ध हालात में तांदुला बांध में डुबकर मौत हो गई जिसे ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी लेकिन वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपने उच्च अधिकारी को जानकारी न देते हुए दफन कर दिया इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों के पर्यावरण प्रेमियों व वन्य जीव प्रेमियों ने मोर्चा खोलते हुए मुख्य वन संरक्षक सीसीएफ दुर्ग को लिखित शिकायत पत्र देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग किया भोज साहू पर्यावरण प्रेमी ने बताया कि उन्हें मीडिया में छपी खबरों के माध्यम से जानकारी मिली कि 24 फरवरी को एक भालू की मौत हो गई जिसे वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत सुरक्षा व संरक्षण का कानून बना हुआ है जिसमें कोई भी वन्य प्राणी की संदिग्ध मौत होने पर पंचनामा पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव का अंतिम संस्कार जलाकर किया जाता है लेकिन वन विभाग बालोद के द्वारा नियम कानून को दरकिनार करते हुए दफन कर दिया वही पैर के नाखून व दांत भी गायब होने की जानकारी मिलने पर तश्करी की आशंका जताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए दोषी व्यक्तियों के ऊपर कार्यवाही करने की मांग किया है।
वही इस मामले में जिला वनमण्डलाधिकारी ने अनभिज्ञ जाहिर किया है इस मामले को गंभीरता पूर्वक जांच का विषय लेकर भोज साहू पर्यावरण प्रेमी, यशवंत टण्डन पर्यावरण प्रेमी,वैभव जगने हाथी बचाओ अभियान संरक्षक धमतरी, आदर्श राय वन्यजीव प्रेमी, लक्ष्मण राव भिलाई के द्वारा दुर्ग पहुंचे थे।