लापरवाही छिपाने 6.62 करोड़ का मरम्मत प्रस्ताव जल आवर्धन योजना को बचाने के बहाने अधिकारियों को बचाने की कवायद

भेंट -मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इसकी घोषणा कराने की तैयारी है

दैनिक बालोद न्यूज/घनश्याम साव/डोंगरगांव।बाढ़ के दौरान भी क्षतिग्रस्त एनीकट का गेट नहीं खोलने से डोंगरगांव ब्लाक के ग्राम दर्री-मटिया के किसानों की उपजाउ जमीन व खड़ी फसल बह जाने के लिए जिम्मेदार माने जा रहे सिंचाई विभाग के अधिकारियों को कार्रवाई से बचाने विभाग ने बड़ा खेल शुरू कर दिया है। शिवनाथ नदी पर एनीकट के ही पास में तीन माह पहले 16 करोेड़ रुपये की जल आवर्धन योजना का काम पूरा हुआ ता। एनीकट टूटने के बाद नदी खाली हो गई है। इंटकवेल के इनलेट क्षेत्र में दूर तक पानी नहीं है। सिंचाई विभाग आवर्धन योजना की सार्थकता के बहाने अब टूटे एनीकट, वहां तक के पहुंच मार्ग व किसानों के खेतों के दुरूस्तीकरण के नाम 6.62 करोेड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया है। स्वीकृति के लिए इसे राज्य शासन को भेजा भी जा चुका है। खबर है कि भेंट -मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इसकी घोषणा कराने की तैयारी है। यानी अधिकारियों की लापरवाही का भुगतान शासन से कराकर पूरे मामले को ही रफा-दफा करने की कवायद की जा रही है।
सितंबर के पहले सप्ताह में मोंगरा बैराज से पानी छोड़ा गया था। इससे शिवनाथ नदी में बाढ़ आ गई। पहले से क्षतिग्रस्त दर्री-मटिया एनीकट के गेट बाढ़ का पानी आने के बाद भी नहीं खोले गए। इस कारण वह टूट गया और नदी की दिशा बदल गई। बाढ़ का पानी किसानों की तीन फसल देने वाली उपजाउ जमीन के साथ लगी फसल को भी बहा ले गई। समय पर एनीकट का मरम्मत नहीं कराने व बाढ़ के दौरान भी गेट नहीं खोले जाने के कारण ही किसानों को बड़ी क्षति हुई। वे जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस बीच सिंचाई विभाग ने मरम्मत का प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है।

बेकार हो जाएगी योजना

एनीकट टूटने के बाद इंटकवेल के आसपास नदी में पानी ही नहीं। डोंगरगांव नगर की प्यास बुझाने वाली 18 करोड़ रुपये की यह योजना वर्तमान में बेकार साबित हो रही है। इसे सार्थक बनाने एनीूकट को पहले दुरूस्त करना होगा। तभी पेयजल आपूर्ति शुरू हो सकेगी। सिंचाई विभाग ने इसी को आड़ बनाकर मरम्मत का प्रस्ताव तैयार किया है। प्रभावित किसान इस कारण भी नाराज हैं क्योंकि तकनीकी अधिकारियों की संभागीय टीम की जांच के बाद भी जिम्मेदारी तय नहीं की गई है। 20 किसानों को मात्र 13.5 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा व क्षतिपूर्ति राशि देकर मामले को दबाने का प्रयास करने का आरोप किसान लगा रहे हैं।

प्रभावित किसान करेंगे कार्रवाई की मांग

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का शनिवार रात को डोंगरगांव में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम होना है उसमें क्षेत्र के किसान अपनी पीड़ा सुनाने वाले हैं दर्री-मटिया एनीकट टूटने से जिन किसानों की उपजाउ खेती जमीन व खड़ी फसल बह गई, उन्हें राहत के नाम पर मामूली राशि देकर सिंचाई विभाग शांत बैठ गया है। इससे किसानों में आक्रोश है। वे मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी खेती जमीन को यथावत करने की मांग रखेंगे। इसके लिए गुरुवार को गांव में बैठक भी रखी गई। इसमें तय किया गया कि रबी फसल की बोआई के पहले खेत को पूर्ववत कराने की मांग रखेंगे। वे यह भी मांग करेंगे कि मौके पर जाकर खुद सीएम वस्तुस्थिति से अवगत हों। साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग प्रभावित किसान मुख्यमंत्री से करेंगे।

जीडी रामटेके, कार्यपालन अभियंता, सिंचाई विभाग ने कहा कि प्रस्ताव भेजा गया है

एनीकट व सड़क की मरम्मत के साथ ही खेतों के दुरूस्तीकरण के लिए 6.62 करोड़ रुपये का प्राक्कलन बनाया गया है। कलेक्टर के माध्यम से इसे शासन को भेजा जा चुका है। भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री इसकी घोषणा कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *