तीन शिक्षकों की अनूठी पहल- नेट की सुविधा नही तो पिछले एक माह से बच्चे कीपैड मोबाइल से कर रहे हैं पढ़ाई, कांफ्रेंस कॉल से भी जुड़ रहे बच्चे
बालोद। वर्तमान समय में वैश्विक महामारी कोरोनावायरस जूझते हुए शासन प्रशासन से लेकर शिक्षक व पालक भी बच्चों के पढ़ाई के प्रति चिंतित है विद्यालय बंद हैं ।आगे कब खुलेगा ये कह नहीं सकते। ऐसे में शासन के द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई तूहर द्वार शुरू किया गया है लेकिन स्मार्टफोन और मोबाइल डाटा की अनिवार्यता तथा नेटवर्क की समस्या के चलते सभी बच्चों के लिए संभव नहीं हो पा रहा है इसी में प्राथमिक व माध्यमिक शाला में ऑफलाइन पढ़ाई पढ़ई तुहर पारा शुरू किया गया है लेकिन गली मोहल्लों में सुरक्षित जगह का अभाव व बढ़ते संक्रमण के कारण पालकों ने पढ़ई तुहर पारा के संचालन न करने का फैसला लिया। ऐसे में डौण्डीलोहारा विकासखंड के प्राथमिक शाला खपराभाट के शिक्षक सुरेश कुमार दिल्लीवार ,
शासकीय प्राथमिक शाला के शिक्षक कमल कांत साहू,
बालोद विकासखंड से शा प्राथमिक शाला बिरेतरा तोमन लाल भुआर्य
के द्वारा पढ़ाई का एक नया तरीका खोज निकाला है। जिसमे बच्चे बिना स्मार्टफोन, बिना मोबाइल डाटा व कम नेटवर्क में भी बच्चे कीपैड मोबाइल के सहायता से पढ़ाई कर पा रहे हैं।
इस कॉन्फ्रेंस कॉल कक्षा में एक समय में लगभग 1000 बच्चे सम्मिलित हो सकते हैं, और यह एक मोबाइल एप के माध्यम से संभव हो पाया है।जो.केवल होस्ट यानि पढ़ाने वाले शिक्षक के लिए जरूरी है ।
सुरक्षा भी, पढ़ाई भी
वर्तमान समय में कीपैड मोबाइल से जो लगभग, सब जगह उपलब्ध है सुरक्षित तरीके से घर बैठे कॉन्फ्रेंस क्लास के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है
बच्चो से शिक्षकों का संबंध स्थापित करने के लिए की पैड मोबाइल एक बेहतर माध्यम साबित हो रही है।
पढ़ाई का तरीका बच्चों को चुनौती (चैलेंज) देते हुए की जा रही है*।
बालोद जिले के शास.प्राथमिक शाला खपराभाट,बड़गाँव, बिरेतरा मे यह बेहतर और नई टेक्निक से बच्चो तक शिक्षा पहुंचाई जा रही है
पूरी प्रक्रिया को अन्य शिक्षको को भी शेयर कर कान्फ्रेन्स क्लास लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।इस क्लास से अनंत उपलब्धि मिल चुकी हैं जो ऑनलाइन क्लास मोहल्ला क्लास में नही मिल पा रही थी। अब बच्चे क्लास अटेंड करने और रोज नई चुनौती लेने के लिए तैयार रहते है।ऐसे बच्चे जिन्हें पढ़ने लिखने मे पिछे थे। वे बच्चे एक दूसरे के आवाज को सुनकर प्रेरित होकर स्वयं कोशिस कर एक दूसरे से आगे जाने की होड़ लग जाती है। नये नये टेक्निक का उपयोग कर रोचक तरीके से बच्चों को जोड़ा जा रहा हैं।
आखिर क्यों ले कॉन्फ्रेंस क्लास❓
1️⃣इंटरनेट डाटा रिचार्ज जरूरत।नहीं।
2️⃣महंगे स्मार्ट फोन जरूरत नहीं।
3️⃣कॉल रिचार्ज की भी जरूरत नहीं।
4️⃣ आसान प्रोसेस बच्चो और शिक्षकों के लिए।
5️⃣ लगभग सभी बच्चों के पास की पैड मोबाइल उपलब्ध।
6️⃣ बच्चों को कोई ऐप डाउनलोड करने की झंझट नहीं ।
7️⃣ 100% बच्चो तक पहुंच पाना संभव ।
इस फ्री कॉन्फ्रेंस कॉल क्लास के माध्यम से बच्चे कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए सामाजिक दूरी के साथ सुरक्षित तरीके से घर पर ही रहकर पढ़ाई कर पा रहे हैं।
इस पढ़ाई का सबसे खास बात यह है कि बच्चे कीपैड मोबाइल यानी बटन वाली मोबाइल से भी पढ़ाई कर पा रहे हैं दूसरी खास बात इस कॉन्फ्रेंस कॉल में एक साथ 1000 बच्चे जुड़ सकते हैं। तीसरी खास बात यह है कि पालक भी बिना खर्चे के बच्चों के साथ पढ़ाई में सम्मिलित हो पा रहे हैं।
अभी वर्तमान में खेती-बाड़ी के समय को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों के द्वारा ऐसे समय का चयन किया गया है जिस समय पालक घर पर उपस्थित रहते हो तथा मोबाइल आसानी से बच्चों के हाथ में दे सकें । शिक्षकों के द्वारा अध्यापन हेतु सुबह 7:30 से 8:30 तक, शाम 5:30 से 6:30 तक व 6:30 से 7:30 तक कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है।
विध्वंसकारी वाइरस कोरोना संकट के समय ऑफ़लाइन क्लास के लिए गाँव के लोगो को मोहल्ला मित्र व विषयमित्र बनाया गया है जो बच्चों के गृहकार्य, पठन और लेखन कौशल की जांच कार्य करते हैं।शिक्षक भी नियमित रूप से बच्चों के बालक पालक संपर्क में रहते है। कोरोना ने सभी के जीवन में भले ही रोक लगा दिया हो लेकिन ये शिक्षक लगातार बच्चों से संपर्क बनाये हुए है।कोरोना काल में अपने बच्चों के ज्ञान को बढ़ाने के उद्देश्य से ।
कांफ्रेस काल की कुछ खास बातें
1.घर बैठे पढ़ाई।
- सामाजिक दूरी का पालन।
- पढ़ाई मे बच्चों के साथ पालक का सम्मिलित होना।
शिक्षकों के द्वारा बच्चों और पालकों के मोबाइल में कनेक्ट होने संबंधी तकनीकी समस्या होने पर शिक्षक स्वयं उनके घर उपस्थित होकर उन्हें कनेक्ट होने व लेकिन तकनीकी समस्याओं का समाधान किया जाता है।जिन बच्चों को जुड़ने में समस्या होती है उन को कांफ्रेस मे जोड़कर सहभागिता प्रदान कर रहे है।