बड़ी खबर – बीमा की 2 करोड़ 44 लाख राशि में घपला, सुरेगांव सोसायटी से जुड़े किसानों ने की कलेक्टर से शिकायत, जांच की उठी मांग
किसानों का कहना फसल बीमा की राशि आधी अधूरी मिली तो कई राशि दूसरे के खाते में हो गई है ट्रांसफर, प्रबंधन नहीं दे रहा ध्यान, शिकायत के बाद भी जिम्मेदार मौन
बालोद। जिले के सेवा सहकारी बैंक सुरेगांव के अंतर्गत आने वाले किसानों ने बैंक प्रबंधन पर फसल बीमा योजना की राशि के भुगतान में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। इस संबंध में भालूकोना भूरकाभाट, बीजाभांठा, पिनकापार, कठिया, भेड़ी, शिकारी टोला सहित अन्य गांवों के किसानों ने सामूहिक रुप से मामले की लिखित शिकायत कलेक्टर से भी की है। किसानों का कहना है कि फसल बीमा की राशि उनके खाते में आधी अधूरी आई है तो कई राशि दूसरे किसानों के खाते में ट्रांसफर हो गई है। इसको लेकर प्रबंधन को पहले भी शिकायत की गई थी लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। किसानों ने सामूहिक रूप से आवेदन देकर आरोप लगाया है कि बैंक प्रबंधन व जिम्मेदार पदाधिकारियों द्वारा राशि के डालने में लापरवाही बरती जा रही है तो वहीं गड़बड़ी की भी आशंका है। मामला 2 करोड़ 44 लाख 76 हजार 442 रुपए का है। जिसमें किसानों को लाखों रुपये की हेराफेरी का अंदेशा है।

क्या कहना है किसानों का
किसान बालाराम, पितांबर, पुरषोत्तम, कृपाराम, ओंकार, सेवा राम साहू, सीताराम साहू, डिगेश कुमार का कहना है कि सेवा सहकारी बैंक सुरेगांव में 2019- 20 में किसानों का फसल बीमा हुआ था जिसकी राशि किसानों के खाते में मई 2020 में डाला गया। किसानों को राशि पर संदेह होने पर उच्च कार्यालय से अधिक राशि आने की जानकारी मिली थी। किसानों द्वारा बैंक में शाखा प्रबंधक से संपर्क किया गया लेकिन शाखा प्रबंधक द्वारा पूर्व की राशि को ही सही कहा गया। परंतु बाद में फसल बीमा की दूसरी लिस्ट जारी की गई। उक्त राशि को किसानों के खाते में डालने हेतु कर्मचारियों को कहा गया, सुरेगांव सहकारी बैंक अध्यक्ष यादव राम साहू को किसानों द्वारा जानकारी दिया गया। बाद में यह निर्णय लिया गया कि इस राशि को नहीं डाला जाएगा। बीमा कंपनी के अनुसार बीमा की राशि एकमुश्त दिया गया है लेकिन शाखा प्रबंधक द्वारा राशि दो किस्तों में डाली जा रही है। बीमा की दूसरी क़िस्त को डीएमआर यानी वसूली खाता में डाल दिया गया गया है। इस खाते में अभी किसान खाद बीज ले रहे हैं और शाखा प्रबंधक द्वारा बीमा की राशि को ट्रांसफर करके वसूली जारी है। इससे किसानों को संदेह है कि कहीं ना कहीं धांधली की जा रही है। इन सब बातों पर सवाल उठाते हुए किसानों ने जिला प्रशासन से मामले की जांच की मांग की है। किसानों ने बताया कि मामले को लेकर हम उच्च अधिकारियों तक भी गए हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। किसानों को आशंका है कि पूर्व में भी बीमा राशि व ऋण माफी में धोखाधड़ी हुई है इस वजह से किसान जांच की मांग कर रहे हैं।
किन किसानों का कितना आया पैसा और कितना है बकाया
किसान आया बकाया
नारायण साहू 29000 20000
ओंकार साहू 60000 5800
कृपा राम साहू 3000 2000
सुशीलाबाई गंधर्व 32000 5800
डिगेश साहू 15000 17000
खेमेश्वर ठाकुर 11500 23000
सेवा राम साहू 52090 31000
टेकसिंह साहू 45500 11500
खोमलाल साहू 23000 6000
अलखु राम साहू 17000 7000
जिम्मेदार नहीं उठाते हैं फोन, न दे रहे हैं सूची इसी कारण धांधली का संदेह
किसानों ने आरोप लगाया कि फसल बीमा कंपनी के माध्यम से किसानों को जो सूची राशि सहित जारी हुई है उसे व बैंक द्वारा जो सूची जारी करके राशि डाली जा रही है उस दोनों सूची में अंतर है। किसान उक्त सूची की मांग कर रहे हैं लेकिन प्रबंधन किसानों को यह सूची उपलब्ध नहीं करवा रहा है। किसानों का कहना है कि गड़बड़ी हुई है इसीलिए तो जिम्मेदार फोन तक नहीं उठाते हैं और मामले में जवाब देने से भी बचते हैं।
मामला दबाने की भी हो रही है कोशिश
फसल बीमा राशि भुगतान के नाम पर चल रही इस धांधली को दबाने की कोशिश भी लगातार हो रही है। इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब हमने मामले की शिकायत को लेकर जिले के नोडल अधिकारी एसके वैदे से इस बारे में पूछा। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि इस बारे में उन्हें अब तक कोई शिकायत ही नहीं आई है ना किसानों की ओर से कोई शिकायत आई है ना ही प्रबंधन ने कोई समस्या रखी है। तो वही संचालक मंडल के कुछ सदस्य जो राजनीतिक पार्टी से जुड़े हुए हैं वह भी मामले में अध्यक्ष व प्रबंधन को बचाने में लगे हुए हैं। जिसके चलते मामला अब तक दबा हुआ था।
क्या कहते हैं अधिकारी व अध्यक्ष
गड़बड़ी तो हुई है,,,,
सोसायटी अध्यक्ष संघ के अध्यक्ष तोषण चंद्राकर का कहना है कि किसानों ने मुझे भी मामले की शिकायत की है। मामला गड़बड़ है। इसकी जांच होनी चाहिए। किसानों के जरिए कलेक्टर से इस संबंध में जांच की मांग भी की गई है तो वही अध्यक्ष प्रबंधक दोनों ही फोन नहीं उठाते और मामले से जानकारी देने से भी बच रहे हैं। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई उजागर हो। किसानों को बीमा कंपनी की ओर से जारी सूची भी उपलब्ध कराएं चाहिए ताकि पता चले कि वास्तविक राशि कितनी आई थी और किसानों के खाते में कितना ट्रांसफर हुआ है। नियम विरुद्ध बीमा कंपनी की राशि को ऋण वसूली खाते में भी नहीं डाला जा सकता।
मुझे इस बारे में जानकारी नहीं आप के जरिए पता चला
जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी बालोद एसके वैदे का कहना है कि मुझे इस संबंध में अब तक जानकारी ही नहीं मिली थी। आप के जरिए मामले की जानकारी मिली है। पता करवाता हूं कि क्या गड़बड़ी हुई है। अगर नियम विरुद्ध राशि ट्रांसफर किया जा रहा है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
नही उठा रहे 3 दिन से फोन
तो वही इस संबंध में जब हमने सुरेगांव सोसायटी के अध्यक्ष यादव साहू के मोबाइल नंबर 8839345103 व शाखा प्रबंधक चंद्र प्रकाश देशमुख के मोबाइल नंबर 7898774316 पर लगातार तीन दिन से फोन करने पर भी दोनों ने फोन रिसीव नहीं किया। जिसके चलते उनसे बात नहीं हो पाई।