बालोद । जिले के आदिवासी वनांचल क्षेत्र डौंडीलोहारा में स्थित है ग्राम पंचायत कमकापार. जहां जंगल से घिरे इस गांव के बाहर स्थापित है मंगतू बाबा का मंदिर. मान्यता है कि जो भी भक्त मन्नते लेकर बाबा के मंदिर पहुंचते हैं. बाबा उनकी मन्नत जरूर पूरी करते हैं. वहीं बाबा से मांगी मन्नतें पूरी होने पर भक्त अपने शक्ति व श्रद्धा के अनुसार मिट्टी, सीमेंट, चांदी या विभिन्न प्रकार के धातु से बने घोड़े की मूर्ति बाबा के मंदिर में चढ़ाते हैं. मंदिर में रखे सैकड़ो घोड़े की मूर्ति देख सहज अंदाजा लगा सकते हैं. की मंगतू बाबा व मंदिर के प्रति लोगों में कितनी आस्था है।
क्षेत्र के लोग बतलाते हैं कि
जानकार बतलाते है, की मंगतू बाबा का मंदिर कोई 10, 20 साल पुरानी नही. बल्कि 100 साल से भी अधिक पुरानी है. जब इस घनघोर जंगल में ठीक से रास्ता भी नहीं हुआ करता था. तब से यहां पर मंगतू बाबा का मंदिर स्थापित. बाबा के मंदिर में आसपास ही नहीं बल्कि दूर दराज से लोग पहुच अपनी आस्था के फूल बाबा के चरणों में रख मन्नते मांगते. और बाबा उन्हें सहजता से पूरी कर उन्हें अपना आशीर्वाद देते हैं. नवरात्रि के इन दिनों में बाबा के मंदिर में 9 दिनों तक भजन कीर्तन चल रहे है. जिससे मंदिर में भक्तिमय वातावरण बना हुआ है और लोग बाबा के मंदिर पहुच आशीर्वाद ले रहे हैं।
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