बालोद। ऑनलाइन सत्संग में, नवरात्र पर्व पर माता के प्रति दिन के रूपों का सुंदर वर्णन पूजन विधि का वर्णन बाबा राम बालक दास के द्वारा किया जाता है, नवरात्र का छठा दिन जिसमें माता कात्यायनी को विशेष रूप से पूजा जाता है,
माता कात्यायनी के इस रूप के पूजन के महत्व पर प्रकाश डालने की विनती पाठक परदेसी के द्वारा ऑनलाइन सत्संग में की गई, माता कात्यायनी के रूप का वर्णन करते हुए बाबा जी ने बताया कि माता भगवती सीता ने माता पार्वती का पूजन श्री राम जी को पाने के लिए, पार्वती माता कात्यायनी के रूप में किया था और भागवत में प्रसंग भी आता है कि जब गोपियों ने भगवान श्री कृष्ण को पति रूप में पाने का विधान पूछा तो माता कात्यायनी के व्रत का विधान बताया गया तब पूजन व व्रत के प्रभाव से श्री कृष्ण के साथ उन्हें रास में भाग लेने का सौभाग्य मिला कुंवारी कन्या माता कात्यायनी का व्रत करती है और पूजन करती है तो लाल जोड़े और श्रृंगार में सिंह पर सवार माता उनकी हर मनोकामना को पूर्ण करती है।
रिचा बहन घोठिया के द्वारा प्रतिदिन ऑनलाइन सत्संग में अति सुंदर ज्ञान दायक विचारों को प्रस्तुत किया जाता है
इन्हीं विचारों पर बाबा ने भाव रखते हुए कहा कि हम दूसरों को कष्ट पहुंचा कर कहते हैं कि हे भगवान मुझे सुख दो तो हमें कहां से सुख मिलेगा क्योंकि सुख पाने का अधिकार तो हम तभी खो देते हैं जब किसी को दुख देने का विचार भी हमारे हृदय में लाते हैं दुख देना तो जघन्य अपराध होता है आपने यदि सोच भी लिया कि मैं उसे मारूंगा बदला लेकर रहूंगा यह हत्या करके रहूंगा तो आप भी कभी सुख नहीं पा सकते आपका मन सदा इन्हीं वृतियों में उलझा रहेगा और यदि आपने दुसरो को सुख पहुचाने हेतु प्रयास करने के विषय में सोचा भी कि मैं उसके लिए कुछ अच्छा करूंगा तो परमात्मा आपके लिए सुखों का द्वार खोल देंगे
सत्संग परिचर्चा को आगे बढ़ाते हुए रिचा बहन घोठिया ने माता के अस्त्र शस्त्रधारी रूप के विषय में पूछा, माता के भगवती रूप का वर्णन करते हुए बाबा ने बताया कि वैसे दुर्गा मां तो जगत जननी मां है परंतु वह अस्त्र शस्त्र धारणी है उनके हाथ में मंगलकलश है, तो कटार और तलवार भी है जो इस बात का घोतक है कि जहां माता सबका कल्याण करती है वहां वह दुष्टों का संहार भी करती है, माता का यह रूप हमें प्रेरणा देता है कि हमें भी अपनी बेटियों को केवल शिक्षा ही नहीं देनी चाहिए बल्कि उन्हें सदशिक्षा सत्य ज्ञान सच्चरित्र सद्चित देकर
अध्यात्म में भी परंपरागत कीजिए और शस्त्र दीक्षा में भी तभी ये रानी लक्ष्मीबाई और अहिल्याबाई बनेगी,
पाठक परदेसी ने रामचरितमानस की चौपाइयां ” सानुज सिय समेत….. के भाव को स्पष्ट करने की विनती बाबाजी से कि इन रामचरित मानस की चौपाइ का वर्णन करते हुए बाबा जी ने बताया कि वनवास काल में भगवान राम लक्ष्मण जी व सीता मैया का यह बहुत ही पवित्र और अति सुंदर मनोरम रूप का चित्रण गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा किया गया है जिसकी किसी भी चीज से उपमा नहीं की जा सकती यहां पर मां भगवती सीता को भक्ति के रूप में लक्ष्मण जी को साक्षात वैराग्य के रूप में श्री प्रभु राम जी को ज्ञान के रूप में वर्णित किया गया है
रामचरितमानस की चौपाइयां राम नाम को अंक……. के भाव को व्यक्त करने की विनती रामफल के द्वारा की गई
राम चरित मानस की चौपाइयों के भाव कोई स्पष्ट करते हुए बाबा ने बताया कि यहां राम नाम को अंक बताया गया ओर जो हम पूजन पाठ साधन करते हैं उसे की उपमा दी गई है यदि कर्मकांड जो हम करते हैं उसमें राम नाम जोड़ दिया जाए तो वह सुनने भी 10 गुना हजार गुना बढ़ जाता है, पुराने समय में तो हमारे पूर्वज हमारे नाम के आगे भी प्रभु के नाम राम को जोड़ देते थे तो उसका महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है
अंत में श्री राम बालक दास जी ने श्रद्धालु भक्तो एवम माताओ को ऑनलाइन सत्संग में जुड़ने का आमंत्रण दिया जिसके लिए पाटेश्वर धाम के वाट्सएप नम्बर 9425510729 पर आप लोग मेसेज कर सकते हैं।
दुर्ग से लोहारा आ रही थी बस 7 महिला 1 पुरूष समेत कुल आठ लोग…
दैनिक बालोद न्यूज/चंदन पटेल/गुंडरदेही।जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना में एक मां ने…
नगर का युवक फिर जा घुसा डिवाइडर में,गंभीर घायल रायपुर रिफर दैनिक बालोद न्यूज /घनश्याम…
दैनिक बालोद न्यूज/राजनांदगांव। कलेक्टर संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में जिले में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के…
आरोपी अपने भतीजे के खिलौने को तोड़ने के कारण आक्रोशित होकर पीड़ित बालक पर किया…
दैनिक बालोद न्यूज।गुंडरदेही विधानसभा क्षेत्र के ग्राम देवसरा में एक नाबालिग लड़का के ऊपर धारदार…