A.S.S. TECHNOLOGY
Recent

कृषि विधेयक बिल का कांग्रेसी सहित किसानों ने शुरू किया विरोध, कई गांव में हो रही नारेबाजी, तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं किसान देखिए वीडियो

A.S.S. TECHNOLOGY
A.S.S. TECHNOLOGY
वीडियो- केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सेमरडीह के किसान

बालोद/ रायपुर। केंद्र सरकार के कृषि सुधार बिल के विरोध की आग छत्तीसगढ़ तक पहुंच गई है। पंजाब और हरियाणा के बाद अब प्रदेश में भी किसान सड़क पर निकले है। बालोद जिले में भी किसानों ने विरोध करना शुरू कर दिया है तो वहीं कांग्रेस ने भी आज वर्चुअल तरीके से अपना विरोध जताया। फेसबुक सहित अन्य माध्यम पर लाइव घर बैठे जहां कांग्रेस नेताओं ने इस पर विरोध जताते हुए केंद्र सरकार से इस किसान विरोधी बिल का विरोध किया तो वही अलग-अलग गांव में किसान भी विरोध पर उतर आए। ग्राम सेमरडीह सहित कई गांव में तख्तियां लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए जा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के नियमों का पालन करते हुए अपने-अपने घरों के बाहर और खेतों में प्रदर्शन किया। किसानों के इस विरोध को कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ सहित प्रदेश के 20 संगठनों ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर बिल के विरोध में प्रदर्शन किया।

बैनर और नारे लिखी तख्तियां लिए खेतों-पंचायतों में खड़े हुए किसान
रायपुर, बालोद,राजिम, भिलाई, गरियाबंद, राजनांदगांव सहित कई जिलों में किसानों ने प्रदर्शन किया है। हाथों में बैनर और नारे लिखी तख्तियां लिए किसान अपने खेतों, घरों के सामने, पंचायतों में खड़े हुए और केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री से बिल वापस लेने की मांग की। किसानों का कहना था कि ये कांट्रेक्ट खेती नहीं चलेगी।
इधर कांग्रेसियों ने ऐसे किया विरोध
केंद्र के बीजेपी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि बिल का देश भर में विरोध किया जा रहा है. जिले में कांग्रेस पार्टी के जनप्रतिनिधि व कार्यकर्ता सभी वर्चुअल प्लेटफार्म के जरिए इन बिलो जमकर विरोध किया जा रहा है. संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद, विधायक संगीता सिन्हा, छत्तीसगढ़ महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया, पूर्व विधायक भैय्या राम सिंह, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चंद्रेश हिरवानी, शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बंटी शर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा सहित कई जनप्रतिनिधि वर्चुअल रैली के माध्यम से इसका विरोध कर रहे हैं।
कांग्रेस जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहा कि यह पहली ऐसी सरकार है, जो किसानों की हितों में नहीं बल्कि किसानों उपेक्षा करने वाला बिल ला रही है. विधायक संगीता सिन्हा ने आरोप लगाया है कि यह कानून किसानों के बजाय पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बनाया गया है मंडियां खत्म होते ही अनाज सब्जी मंडी में काम करने वाले लाखों, करोड़ों मजदूर, मुनीम, ट्रांसपोर्ट विक्रेता आदि की रोजी रोटी और आजीविका खत्म हो जाएगी इससे राज्यों की आय भी खत्म होगी.

किसान विरोधी है बिल
किसान कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष चंद्रेश हिरवानी ने भी बिल को किसान विरोधी बताते हुए , कहा कि कृषक स्वयं अपने खेतों में मजदूर बनकर रह जाएगा. इसके साथ ही मंडी प्रथा को खत्म करने की कोशिश केंद्र सरकार द्वारा की जा रही है. मंडियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ जैसे प्रदेश को सालाना आय अर्जित होता है उसका नुकसान उठाना पड़ेगा.

आर – पार लड़ाई की चेतावनी
उन्होंने कहा कि किसान अपने पास की मंडियों में अपने अनाज को भेजता है न कि दिल्ली, मुंबई ,गुड़गांव पानीपत जैसे मंडियों में वहां से उन्हें कोई मतलब नहीं है. जब किसानों को अपने नजदीक की मंडी में अनाज बेचना है,तो ऐसे बिल का कोई मतलब नहीं है. उन्होंने सरकार से किसानों के हितों को ध्यान में रखकर फैसला लेने और इस बिल को वापस लेने की मांग की है.कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बताया कि इस बिल को लेकर कांग्रेस आर पार की लड़ाई लड़ सकती है. अभी वे वर्चुअल ढंग से किसानों के बीच अपनी बात को रख रहे हैं.

*प्रोजेक्टेड जमाखोरी होने का आरोप
कांग्रेस का एक आरोप यह भी है कि किसी भी विषय में राज्य सरकारों की राय लेना जरूरी है, लेकिन केंद्र सरकार ने इतने बड़े बदलाव के पहले राज्य सरकारों से बातचीत तक नहीं की.1955 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एक खाद्य सुरक्षा बिल बनाया था जिसके तहत व्यापारियों को एक सीमा में खाद्यान्न एकत्रित करने की छूट दी गई थी,लेकिन इस बंदिश को सरकार खत्म करने के मूड में हैं, यदि कोई व्यापारी आवश्यकता से अधिक खाद्यान्न की जमाखोरी करेगा तो फिर वही स्थिति पैदा होंगे जैसे बीते दिनों कोरोना वायरस के संक्रमण काल में पैदा हुए थे, जैसे नमक की कमी और प्याज की कमी आलू की कमी हुई थी. उन्होंने इसे एक प्रोजेक्टेड जमाखोरी बताया है.

बता दें केंद्र सरकार ने पहला बिल कृषक उपज व्‍यापार और वाणिज्‍य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020,
दूसरा बिल कृषक (सशक्‍तिकरण व संरक्षण) क़ीमत आश्‍वासन और कृषि सेवा पर क़रार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक -2020 इन तीन बिलों को लोकसभा और राज्य सभा से पारित कर कानून रूप देने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेज चुका है.जो राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बन जाएगा.

A.S.S. TECHNOLOGY
dainikbalodnews

Recent Posts

धान से भरी पिकअप व सरकारी गाड़ी की टक्कर, आधे दर्जन से ज्यादा घायल

दैनिक बालोद न्यूज/चंदन पटेल/गुंडरदेही।बालोद-दुर्ग मुख्य मार्ग पर ग्राम खप्परवाड़ा के पास गुरुवार दोपहर 1 बजे…

4 days ago

छोटे लाल साहू को डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई

दैनिक बालोद न्यूज/घनश्याम साव/डोंगरगांव। मैट्स विश्वविद्यालय, रायपुर (छत्तीसगढ़) के समाज कार्य विभाग से छोटे लाल…

1 week ago

जंगल में प्रेमी युगल का कंकाल मिला, इलाके में फैली दहशत लगभग दो माह पुरानी है कंकाल

पुलिस मामले को लेकर पता साजी में जुटे दैनिक बालोद न्यूज/घनश्याम साव/डोंगरगांव।तुमड़ीकसा जंगल में एक…

1 week ago

डोंगरगांव पुलिस की बड़ी कार्रवाई माइनिंग कंपनी Antofagasta ऐप के माध्यम के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाला आरोपी गिरफ्तार

UK की फर्जी माइनिंग कंपनी में निवेश कराने के नाम पर ₹1.98 लाख की धोखाधड़ी,…

1 week ago

प्राथमिक शाला खुर्सीपार में आज नेवता भोज कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें सरपंच वागिश बंजारे उपसरपंच, पंचगण व शिक्षकों ने बच्चों को खिलाया स्वादिष्ट भोजन

दैनिक बालोद न्यूज।बालोद जिले के गुंडरदेही विकासखण्ड के ग्राम पंचायत गोड़ेला के आश्रित ग्राम खुर्सीपार…

1 week ago
A.S.S. TECHNOLOGY