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गोधन न्याय योजना में सामने आयी भारी गड़बड़ी, मार्केट से ज्यादा दाम में इलेक्ट्रानिक तराजू की सप्लाई

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किसने दिया आर्डर, नवपदस्थ सीईओ ने झाड़ा पल्ला

गोलमाल को लेकर सरपंच संघ ने खोला मोर्चा

घनश्याम साव/डोंगरगांव। किसानों तथा गांव को समृद्ध बनाने वाली छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा अऊ बाड़ी अंतर्गत गांव में नहर, नाली, गौठन, निर्माण के बाद विगत माह से गोबर खरीदी का कार्य प्रारंभ किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार तथा सुविधा कराने की मंशा से सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में लागू गोबर खरीदी योजना को भी अब कुछ लोगों ने भ्रष्टाचार और अपने लिए लाभ की योजना बनाने का काम शुरू कर दिया है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें कतिपय लोगों ने गोबर खरीदी के उपयोग में आने वाले 7 से 8 हजार रू. इलेक्ट्रानिक तराजू को 13 – 13 हजार रू. में ग्राम पंचायतों को सप्लाई कर दिया और अब मामला उछलने से पहले पेमेन्ट के लिए ग्राम पंचायतों में दबाव डाल रहे हैं।
इस मामले में हुए भारी भ्रष्टाचार और लेनदेन की संभावना को देखते हुए सरपंच संघ ने अब इसके विरूद्ध मोर्चा खोलते हुए सरपंचों से इन इलेक्ट्रानिक तराजू के बिल का भुगतान नहीं करने को कहा है। साथ ही इस मामले में सभी तरह के तथ्यों के जांच और दोषियों पर कार्यवाही की मांग प्रशासन से की है।
उल्लेखनीय है कि ग्रामीणों को रोजगार दिलाने सहित रोका छेका अभियान को सफल बनाकर गांवों में पशुपालन को अधिकाधिक लाभ की श्रेणी में खड़ा करने की दृष्टि से प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने जोरशोर से पूरे प्रदेश में गोधन न्याय योजना का शुभारंभ किया था। जिसको ग्राम पंचायत तथा जनपद पंचायत आपसी समन्वय से साकार करने में लगे हुए हैं। दूसरी ओर कई ग्राम पंचायतों से इस योजना को लेकर काफी शिकायतें भी आ रही है कि जनहित की इस योजना के आड़ में भी कुछ लोग अपनी जेब गरम करने में लगे हुए हैं।
ऐसी ही एक शिकायत डोंगरगांव जनपद पंचायत अंतर्गत सामने आयी है, जिसमें ब्लॉक के ऐसे ग्राम पंचायत जहां गोधन न्याय योजना का शुभारंभ हुआ है, वहां पर गोबर को तौलने के लिए इलेक्ट्रानिक तराजू की सप्लाई की गई है। इस इलेक्ट्रानिक तराजू का बिल पंचायतों में पहुंचने के बाद इस योजना की आड़ में की जा रही गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत कोकपुर, बोदेला, आसरा, खपरीकला, किरगी, बनहरदी सहित 25 से 30 ग्राम पंचायतों में तराजू की सप्लाई की गई है।


सात हजार का तराजू तेरह हजार में


जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायतों को सप्लाई किये गये इलेक्ट्रानिक तराजू के रेट को लेकर बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। सरपंच संघ के अध्यक्ष टीकाराम सोनकर ने बताया कि 100 किलो का अच्छे से अच्छा इलेक्ट्रानिक तराजू बाजार में 7 से 8 हजार तक मिल जाता है, जबकि एक फर्म द्वारा ग्राम पंचायतों को जीएसटी सहित तेरह हजार रूपये का बिल दिया गया है। इस प्रकार बाजार मूल्य से लगभग 5 हजार रू. का ज्यादा मुनाफा कमाकर फर्म द्वारा किनको – किनको बांटने की योजना है, इसका खुलासा जांच में हो सकता है। बताया तो यह भी जा रहा है कि गड़बड़ी उजागर होने की संभावना को देखते हुए पिछले एक सप्ताह से फर्म द्वारा सीधे सरपंचों को फोन कर पेमेन्ट के लिए दबाव डाला जा रहा है।


धमतरी के फर्म द्वारा तराजू की सप्लाई, जांच का विषय
सरपंच संघ के अध्यक्ष टीकाराम सोनकर ने यह भी सवाल उठाया है कि

जब अपने जिला मुख्यालय में ही इलेक्ट्रानिक तराजू की सप्लाई व बिक्री करने वाले अनेक फर्म उपलब्ध हैं तो किसके कहने पर धमतरी के एक फर्म से ब्लॉक में तराजू की सप्लाई करवाई गई, यह भी जांच का विषय है। यह भी जांच का विषय है कि उक्त फर्म को आर्डर किसने दिया? किसके कहने पर उन्होनें दो माह पूर्व बिना बिल दिये ही बड़ी मात्रा में तराजू डोंगरगांव जनपद पंचायत को भेज दिया और फिर किसके निर्देश पर उक्त तराजू को पंचायतों में शासकीय वाहन से गोबर खरीदी योजना के शुभारंभ के एक दिन पूर्व छोड़ा गया।


कुछ ग्राम पंचायतों ने कर दिया भुगतान, शेष पर दबाव


जानकारी के अनुसार बार – बार तगादा आने से परेशान होकर कुछ ग्राम पंचायतों ने इस इलेक्ट्रानिक तराजू का भुगतान भी कर दिया है। लेकिन सरपंच संघ के अध्यक्ष ने बताया कि उनके ध्यान में इस गड़बड़ी के आते ही उन्होनें शेष ग्राम पंचायतों से भुगतान न करने के लिए कहा है। उन्होनें आरोप लगाया कि ग्राम पंचायतें विकास कार्यों के लिए एक – एक पैसे के लिए तरस रही है और मूलभूत सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण परेशान हैं। ऐसे में कुछ लोग पंचायतों के पैसे का दुरूपयोग करने के नये – नये तरीके ढूंढकर गोलमाल करने में लगे हुए हैं।
उन्होनें जनपद पंचायत के सीईओ सहित जिला प्रशासन से भी इस मामले की त्वरित और निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरूद्ध कानूनसम्मत कार्यवाही की मांग की है। अन्यथा सरपंचों के साथ उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
इस संबंध में इलेक्ट्रानिक तराजू का सप्लाई करने वाले समता इंटरप्राइजेस धमतरी को उनके बिल में छपे मोबाईल नंबर ९८२७१६९३५४ पर कॉल कर पूछने पर उन्होनें तराजू की सप्लाई तो स्वीकार की, परन्तु किसके आर्डर पर तथा कितनी संख्या में तराजू की सप्लाई की गई है, तराजू का वास्तविक मूल्य क्या है, पूछने पर उन्होनें जवाब देने से मना कर दिया और तुरंत कॉल काट दिया। बाद में उनका मोबाईल लगातार ऑफ आ रहा है।



संतराम रावटे (सीईओ, जनपद पंचायत डोंगरगांव) का कहना है कि

मैं यहां अभी एक महिने पहले ही पदस्थ हुआ हूं। इलेक्ट्रानिक तराजू की सप्लाई जुलाई की है। मेरे पास इसकी कोई जानकारी नहीं है और न ही मेरे पास अभी किसी प्रकार की शिकायत आई है।

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