बालोद। जिला मुख्यालय बालोद से 12 किमी दूर ग्राम जगन्नाथपुर में मलेरिया से एक ही परिवार के पिता-पुत्र की मौत हो गई है। यह हृदय विदारक घटना 2 दिन के अंतराल में हुई है। 2 दिन पहले पुत्र संतोष विश्वकर्मा 27 की मौत हुई तो गुरुवार को सुबह 3 बजे पिता अमर विश्वकर्मा 54 की भी मौत हो गई। दोनों को इलाज के लिए दल्ली राजहरा के शहीद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। गरीबी के चलते ठीक से इलाज भी नहीं करवा पा रहे थे। धीरे-धीरे बीमारी इतनी बढ़ गई थी कि जान पर ही बन आई।
अच्छी मजदूरी की तलाश में गांव छोड़ शहर गए थे
यह बहुत ही गरीब परिवार है और रोजी मजदूरी की तलाश में गांव छोड़कर पिता-पुत्र सहित पत्नी व अन्य सदस्य दल्ली राजहरा शहर में अपने रिश्तेदार के घर जाकर रहते थे और वही दल्ली राजहरा में काम करते थे। लेकिन वहां दोनों की तबीयत बिगड़ गई और धीरे-धीरे शरीर कमजोर होने लगा।
पुत्र संतोष विश्वकर्मा को बचपन से ही निमोनिया की भी शिकायत थी। जिसके चलते आए दिन उसकी तबीयत खराब होती थी और लगातार मौसम के उतार चढ़ाव से उसका शरीर और कमजोर होता जा रहा था। जिन्हें फिर शहीद अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। बेटे का इलाज चल रहा था कि इधर पिता को भी टाइफाइड और मलेरिया हो गया। इनका भी इलाज चलता रहा।
अस्पताल के बिस्तर पर थे पिता तो पुत्र हो चुका था दुनिया से अलविदा
परिजन दीपक विश्वकर्मा के मुताबिक पिता अमर विश्वकर्मा के लिवर किडनी में भी परेशानी थी। जिसके चलते उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती गई और डॉक्टरों की लाख कोशिश के बाद भी उन्हें बचाया न जा सका। 2 दिन पहले जब पुत्र की मौत हुई तो पिता को होश ही नहीं था कि उनका एक बेटा अब इस दुनिया से जा चुका है। वह बेसुध और अस्पताल में ही भर्ती थे। बड़े बेटे दीपक विश्वकर्मा ने अपने छोटे भाई का अंतिम संस्कार किया तो वहीं इस घटना को 2 दिन भी नहीं बीते थे कि पिता भी चल बसे।
ग्रामीणों ने दिया साथ, सरपंच ने भी की सरकार से मदद की मांग
जब पिता-पुत्र पुत्र का निधन हो गया तो अंतिम संस्कार में ग्रामीणों ने भी पूरा साथ दिया। भोज सहित अन्य खर्च ग्रामीणों व मोहल्ले के लोगों ने मिल जुलकर उठाया। वहीं सरपंच अरुण साहू ने शासन प्रशासन से मांग किया कि परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी दयनीय है कि गुजारा भी इस परिवार का मुश्किल से हो रहा है। क्योंकि परिवार का मुखिया ही चल बसे और एक बेटा का भी निधन हो गया। परिवार में दो-दो की मौत से विश्वकर्मा परिवार पूरी तरह से टूट चुका है। उन्होंने शासन प्रशासन से मांग की है कि इस परिवार को उचित सहायता राशि प्रदान किया जाए ताकि फिर से इस परिवार की जिंदगी पटरी पर आ सके। सरपंच ने बताया कि पिता और पुत्र दोनों को ही मलेरिया की शिकायत थी। गांव में मलेरिया का प्रकोप भी धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। इस संबंध में हमने शासन प्रशासन से गांव में डीडीटी छिड़काव को लेकर भी आवेदन दिया है ताकि समय रहते गांव के अन्य लोगों को भी मलेरिया से बचाया जा सके।
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