बालोद। कोरोना काल में जन्माष्टमी कर रंग ही अलग नजर आया। दही लूट का आयोजन शहरी क्षेत्र में नहीं हुआ। ग्रामीण क्षेत्र में कुछ जगहों पर आयोजन हुआ। लेकिन भीड़ नहीं जुटाई गई तो वही घर पर अधिकतर बच्चों ने जन्माष्टमी मनाई।
कोई राधा बना तो कोई कृष्णा। आमापारा में एक बच्चे को कृष्ण की तरह सजाया गया था तो बच्चे ने भी मास्क पहन कर इस कलयुगी कोरोना संकट से बचने का संदेश भी दिया।
गंगा मैया मंदिर खुला, दर्शन के लिए पहुंचते रहे भक्त
गंगा मैया मंदिर झलमला को भी जन्माष्टमी के दिन से खोल दिया गया है लेकिन समय भी तय किया गया तो वहीं आने वाले भक्तों की संख्या पर भी नियंत्रण करने के लिए 3 दिन की संख्या में प्रवेश दिया जाएगा मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश वर्जित है। चैनल गेट के बाहर से ही लोग दर्शन कर सकते हैं। जन्माष्टमी पर दर्शन करने वालों की भीड़ बढ़ती रही लेकिन मंदिर समिति ने पूरी व्यवस्था कर रखी थी ताकि कोई भगदड़ ना हो।
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