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नई शिक्षा नीति एक क्रांतिकारी कदम, परीक्षा का खौफ होगा दूर कैसे होगा सफल छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ के पदाधिकारियों ने दिए ये तर्क पढ़िए खबर,,,

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बालोद। छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ ने नई शिक्षा नीति को क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि नई शिक्षानीति कई मायने में शिक्षाक्रांति में संचार करने वाली है। बालकेन्द्रित शिक्षा पर जोर,मातृभाषा,राष्ट्रभाषा को प्राथमिकताऔर मिड डे मील का विस्तार ,शिक्षा के अधिनियम 2009 को हायर सेकेंडरी तक बढ़ाने, साथ मे10 बोर्ड को खत्म करने व सिर्फ 12 बोर्ड को रखने के साथ 9 से 12 तक सेमेस्टर सिस्टम लागू करना व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कक्षा 6 से वोकेशनल पाठ्यक्रम में जोड़ने के साथ बोर्ड परीक्षा की हव्वा को कम करने का प्रयास अच्छा है।

6 % वार्षिक बजट में वृद्धि की है जरूरत
साथ में कालेज स्तर के पाठ्यक्रम में कई बदलाव स्वागतयोग्य है।परंतु इन सब योजना को लागू करने के लिए वार्षिक बजट का 6% में बढ़ोतरी की जरूरत होगी। और प्रशासनिक स्तर पर नई शिक्षानीति को लागू करने के लिए तत्परता के साथ सख्ती से जमीनीस्तर पर क्रियान्वयन किया जाए। नई शिक्षानीति केंद्र सरकार की दूरगामी सोच का परिचायक है।जिसमे समावेशी शिक्षा को बढ़ावा दिया गया है।बालकेन्द्रित शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के पश्चात विदेशी भाषा की दास्ता से निकलने का प्रयास किया गया है।शिक्षानीति में राष्ट्रीयता और मातृभाषा से जोड़ने की कोशिश किया है।

मातृभाषा को फिर से जागृत करने वाला प्रयास
ब्लॉक अध्यक्ष अनिल दिल्लीवार ने बताया कि कस्तूरीरंजन समिति द्वारा प्रस्तावित नई शिक्षा नीति स्वतंत्र भारत मे विशुध्द रूप से राष्ट्रीयता,मातृभाषा को पुनः जागृत करने वाला है।और विदेशी भाषा की आधिक्य को गौण करने सार्थक पहल की गई है।
जिला उपाध्यक्ष खेमंत साहू ने कहा कि
नई शिक्षा नीति मे छठवी से जो व्यवसायिक शिक्षा की ओर बल देना बेरोजगारी की समस्या को दूर करने वाला और व्यवसाय के लिए क्षमता विकास करने वाला होगा ।
शुरुआत के पांच सालों मे गतिविधि आधारित शिक्षा बस्ता के बोझ को कम करने वाला होगा|
सचिव आशीष कुलदीप ने बताया अब समाज,राष्ट्र निर्माता शिक्षक,बच्चों के माता-पिता,मीडिया,हम सभी की भागीदारी से ही इसे,इसकी आत्मा के अनुरूप लागू किया जा सकता है|और भारतीय समाज को एक नॉलेज सोसायटी और भारत देश को ग्लोबल सुपर पावर और जगतगुरु बनाया जा सकता है|किसी देश,समाज या व्यक्ति की जिंदगी को शिक्षा ही बदल सकती है।
सुश्री एनुका शार्वां ने कहा कि भाषा दक्षता,वैज्ञानिक स्वभाव, सौंदर्य बोध,नैतिक तर्क, डिजिटल साक्षरता , तथा निचले स्तर से कम्प्यूटर शिक्षा तथा इंटर्नशिप निश्चित क्रांतिकारी परिवर्तन होगा ।
कादम्बिनी यादव ने कहा कि कोशल उन्नयन और प्रायोगिक कार्य को बढावा दिया जाना नई शिक्षा नीति की विशेषता है। जरूरत है दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ जमीनी स्तर पर लागू करने की नहीं तो अन्य योजनाओं की तरह केवल कागजों तक सिमटकर ना रह जाए।

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