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ये कैसी बिजली माफी- पिछली सरकार ने कहा था पंचायतों का बिजली बिल हम पटायेंगे, अब नई सरकार ने नहीं दिया ध्यान, बिजली कंपनी सरपंचों को भेज रही नोटिस सरपंचो ने भी कर दिए हाथ खड़े

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सरपंच बोल रहे हैं नहीं पटायेंगे पैसा, लाखों का बिल आने से जिले भर के पंचायतों में मचा हड़कंप इधर बिजली कंपनी बना रही वसूली के लिए दबाव

बालोद। जिले के पंचायतों में एक बार फिर बिजली कंपनी द्वारा नोटिस भेजकर सरपंचों पर बकाया वसूली के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जिससे पंचायत प्रशासन के बीच हड़कंप की स्थिति मची हुई है। इसकी वजह यह है कि पिछले भाजपा सरकार द्वारा पंचायतों को बकायदा आदेश जारी कर कहा गया था कि इस बिजली बिल को सरकार पटायेगी। सरकार कंपनी को बिल का भुगतान कर देगी। इस आदेश के बाद से पंचायत प्रशासन भी निश्चिंत रहे कि अब उन्हें बिल की कोई चिंता नहीं करनी है। लेकिन सरकार भी धोखा दे गई। चुनाव हुआ सत्ता बदली तो पुरानी सरकार ने भी ध्यान नहीं दिया और कंपनी का कोई भुगतान ही नहीं किया गया। रिकॉर्ड में बिजली बिल आज भी बकाया है तो नई सरकार भी इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दे रही है। देखते देखते पंचायतों का बकाया दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है और कंपनी है कि अपना पैसा वसूलने के लिए पंचायतों को नोटिस के ऊपर नोटिस थमा रही है। इससे भोले भाले सरपंच जो पहली बार चुनाव जीते हैं उनके बीच भी हड़कंप की स्थिति मची हुई है कि आखिर वे लाखों का बिल कहां से चुकाएंगे।

2 से 8 लाख तक का आ रहा है बिल


कई पंचायत सरपंचों ने बताया कि उनके पास 2 से लेकर 8 लाख रुपये तक का बकाया बिल आ रहा है। फरदफोड़ के सरपंच ने बताया उनके पंचायत का बिजली बिल 3 लाख 854 हजार 960 रुपये आया है। अन्य सरपंचों ने भी कहा हर महीने बिल की राशि बढ़ती जा रही है और कंपनी है कि नोटिस के ऊपर नोटिस भेजी जा रही है। पंचायत सरपंच सचिव के नाम से ही नोटिस आने से सरपंच, सचिव घबराए हुए हैं कि आखिर कहां से पैसा देंगे।

कई पंचायतों में नए लोग चुनाव जीत कर आए हैं। जिन्हें ज्यादा नियम कायदों की खबर नहीं है। ऐसे सरपंच दूसरे पंचायतों के सरपंच से फोन करके पूछ रहे हैं कि आखिर अब क्या करेंगे। क्या हमें अपने जेब से पैसा देना पड़ेगा। क्या अगर पैसा नहीं पता है तो बिजली कनेक्शन कट जाएगा या फिर से गांव अंधेरे में डूब जाएंगे? यह कई सवाल पंचायत प्रतिनिधियों के सामने है जिसका जवाब किसी के पास नहीं है अब देखने वाली बात होगी कि सरकार इस पर क्या रुख करती है।

लाइन काटने की दी जा रही है धमकी
कुछ पंचायतों के सरपंच ने नाम प्रकाशित ना करने की शर्त पर बताया कि उनके क्षेत्र के बिजली कंपनी के अधिकारी अगर पंचायत द्वारा बिल का भुगतान नहीं किया जाता है तो लाइन काट देने तक की धमकी दी जा रही है। जिससे पंचायत प्रतिनिधियों में डर बैठ गया है कि आखिर अब क्या होगा? कहीं गांव की गलियां अंधेरे में तो नहीं डूब जाएगी। ज्ञात हो कि इस बिजली लाइन के जरिए ही गांव में बिजली और पानी दोनों की समस्या का समाधान होता है। जो बोर लगाए जाते हैं वह इसी कनेक्शन के जरिए ही संचालित होता है। इसी के जरिए ही गांव के लोगों की प्यास बुझाई जाती है। पर अब देखने वाली बात यह है कि आखिर इस समस्या का समाधान सरपंच कैसे निकालते हैं। दो सरकारों के बीच पंचायत प्रतिनिधि पीस रहे हैं। पिछली सरकार ने आदेश जारी किया उसे वर्तमान सरकार पालन नहीं कर रही तो वर्तमान सरकार सरपंचों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।

जिला पंचायत से ही जारी हुआ था आदेश


डौंडी लोहारा ब्लॉक के सरपंच संघ के अध्यक्ष पोषण देवांगन निवासी पसौद ने बताया कि पूर्व में जिला पंचायत प्रशासन द्वारा ही सभी पंचायतों को यह आदेश जारी किया गया है कि कोई बिजली बिल का भुगतान ना करें और इस आदेश की कॉपी सभी पंचायतों के पास सुरक्षित है और इसी आदेश के आधार पर ही पिछले कार्यकाल के सरपंच और सचिव भी किसी तरह से बिजली बिल का भुगतान नहीं कर रहे थे लेकिन अब फिर से बिजली कंपनी द्वारा पंचायतों को नोटिस भेजकर परेशान किया जा रहा है। इधर बिजली कंपनी के अधिकारी कहते हैं कि बिल पटाना ही पड़ेगा वरना हम कंपनी के नियम वश लाइन को काटने के लिए भी मजबूर हो जाएंगे अगर ऐसा हुआ तो हर गांव में बिजली और पानी की विकट समस्या आन पड़ेगी। जिससे पूरी जनता में परेशानी बढ़ जाएगी। शासन प्रशासन भी उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

समस्या का हल निकालने के लिए सौंपा गया ज्ञापन

पिछले दिनों डौंडी लोहारा ब्लॉक के सरपंच संघ के साथियों ने इस समस्या का हल निकालने के लिए बिजली कंपनी के अपने स्थानीय अफसरों को ज्ञापन भी सौंपा गया है तो कंपनी से मांग भी की गई है कि उक्त बिल का भुगतान हमसे ना लेकर शासन से लिया जाए। क्योंकि पूर्व में आदेश तो यही हुआ था। सरपंच संघ डौंडीलोहारा के अध्यक्ष पोषण लाल देवांगन, सचिव संतराम तारम, कोषाध्यक्ष संत राम पिस्दा ने बताया कि 2017 में जिला पंचायत के माध्यम से ही हमें शासन स्तर पर ही बिल भुगतान करने का आदेश जारी हुआ था लेकिन अब बिल भेजकर कंपनी हमें दुविधा में डाल रही है।

इधर अधिकारियों का यह कहना,,,,
तो वहीं इस मामले में डौंडी लोहारा के जेई राजेश साहू का कहना है कि हम अपनी तरफ से बिल भेजने का काम हर माह करते हैं। रही बात पेमेंट की तो शासन द्वारा 3 साल पहले आदेश जारी हुआ था लेकिन अब तक पंचायतों का कोई भी पैसा हमें प्राप्त नहीं हुआ। इसलिए हम अपना काम कर रहे हैं। कनेक्शन जिनके नाम से उन्हें बिल भेजा जा रहा है ताकि उन्हें भी पता रहे कि उनका कितना बकाया है। किसी तरह का दबाव नही बना रहे हैं।

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