बालोद। मंगलवार को जिले में चिल्हाटीकला का जो मरीज कोरोना पॉजिटिव पाया गया है, दरअसल में वह एक स्कूल का शिक्षक है। वह भी बालोद शहर के जवाहर पारा प्राइमरी स्कूल का। जिसकी ड्यूटी कोरोना काल में जिला मुख्यालय बालोद के ही पीडब्ल्यूडी कॉलोनी स्थित क्वॉरेंटाइन सेंटर में लगाई गई थी। जहां वे दूसरे भर्ती मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री निकालने का काम करते थे। मरीजों से पूछताछ कर उनका रिकॉर्ड लिखने का काम इन्हीं का होता था लेकिन कब कैसे और कहां वे खुद कोरोना की चपेट में आ गए कोई नहीं जानता। वर्तमान में वे महादेव भवन बालोद में ही स्वास्थ्य विभाग के अन्य स्टाफ के साथ ड्यूटी के दौरान रहते थे। बाकी स्टाफ तो उसी भवन में रहते थे लेकिन यह जनाब अपने घर चिल्हाटीकला से भी आना-जाना कर लेते थे। ऐसे में जाहिर सी बात है कि उनके द्वारा यह संक्रमण उनके परिवार व गांव वालों तक भी फैल गया है। मरीज का ही कहना है कि उनके परिवार में 12 सदस्य हैं। उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि वह कोरोना के शिकार कहां से हुए। क्या स्वास्थ्य विभाग का स्टाफ कोई संक्रमित है? जिनके साथ वे वर्तमान में महादेव भवन में ड्यूटी करते हैं उनकी वजह से तो चपेट में नही आए हैं या फिर कोई और वजह है। उनकी 9 जून से कोरोना ड्यूटी लगी हुई है।
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