बालोद। बालोद ब्लॉक के ग्राम बरही में कोरोना अलर्ट के बीच 4 माह पहले जब देश में लॉक डाउन हुआ तब एक बच्चा लापता हो गया था। घर से वह बिना बताए निकला था। परिजनों ने मामले की खबर थाने में भी दी थी लेकिन लॉकडाउन के बीच पुलिस उसे ढूंढ नहीं पाई तो परिजन भी आने जाने का साधन ना होने के चलते कुछ भी नहीं कर पाए। 4 माह बाद उक्त बच्चे को पुलिस ने ढूंढ निकाला और परिजनों को सौंपा। बालोद थाने में पदस्थ महिला प्रधान आरक्षक नर्मदा कोठारी की तत्परता व सूचना तंत्र से एक परिवार को उनका खोया हुआ बच्चा वापस मिल गया।
दरअसल में मिथिलेश नाम का एक बच्चा 18 मार्च को घर से गायब हो गया था। उम्र 18 साल से कम होने के कारण पुलिस ने अपहरण का मामला भी दर्ज किया था और छानबीन भी चल रही थी। लेकिन कोरोना ड्यूटी के चलते पुलिस ज्यादा दूसरे जिला या राज्य में जाकर जांच भी नहीं कर पा रही थी। इस बीच कुछ महीने मामला ठंडे बस्ते में चला गया था तो परिजन भी परेशान थे कि उनका बच्चा किस हालत में होगा लेकिन बच्चा अब सही सलामत परिजनों को मिल गया है।
गलत ट्रेन में बैठ दल्ली के बजाय रायपुर जा पहुंचा बच्चा
पुलिस के अनुसार जब बच्चे से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि दल्ली राजहरा में उनका मामा रहता है वह घर से बालोद तक किसी से लिफ्ट लेकर आया फिर यहां रेलवे स्टेशन से दल्ली जाने के लिए बालोद स्टेशन में पहुंचा। लेकिन उसे जानकारी नहीं थी कि किस दिशा से दल्ली जाना है। वह दल्ली के बजाय दुर्ग की ओर जाने वाली ट्रेन में बैठ गया फिर दुर्ग से वह रायपुर चला गया। रायपुर में वह दो-तीन दिन तक रेलवे स्टेशन में सोया रहा फिर खाने के लिए भटकता रहा। इस बीच बच्चे पर नजर चाइल्ड हेल्प की टीम को पड़ी।
बाल गृह रायपुर ले गए अफसर
बच्चा संदिग्ध था इसलिए उसे बाल कल्याण समिति पूछताछ के लिए ले गई। बच्चा ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था। अपने गांव का नाम ही नहीं बता पा रहा था। वह हकलाता भी है। इससे पुलिस भी ज्यादा कुछ जानकारी नहीं जुटा पाई। कोई सुराग ना मिलना व परिजनों का कुछ पता ना चलने के कारण पुलिस ने इस बच्चे को रायपुर के बाल गृह में रखवा दिया। कुछ दिन पहले बालोद पुलिस को यह खबर मिली कि उक्त बच्चा रायपुर में है। तत्काल परिजनों को इसकी खबर दी गई कि बच्चा मिल गया है। जब 4 महीने बाद परिजनों को इसकी खबर मिली तो उनके आंसू छलक आए और बच्चे से मिलने की बेताबी उनमें टूट पड़ी। बिना खाए पिए ही परिजन तत्काल बालोद थाने पहुंचे जहां फिर बालोद पुलिस की एक टीम रायपुर जाकर उक्त बच्चे को सुरक्षित घर ले आई। बच्चे की मानसिक स्थिति भी थोड़ी कमजोर है। इस वजह से भी वह ज्यादा जानकारी ना होने के चलते भटक गया था। गनीमत वह पुलिस प्रशासन की निगरानी में ही बाल गृह में दिन गुजार रहा था। 4 माह से गायब इस बच्चे को सुरक्षित परिजनों तक पहुंचाने पर एसपी जितेंद्र सिंह मीणा ने बालोद पुलिस टीम की पीठ थपथपाई। खासतौर से महिला प्रधान आरक्षक नर्मदा कोठारी को कहा कि वेल डन, बहुत अच्छा काम किया आपने।
पिता बोले हम उम्मीद छोड़ चुके थे पर भगवान पर भरोसा नहीं टूटा था
पिता विष्णु राम ने कहा कि लगातार 2 माह तक बच्चे की तलाश करते लेकिन कुछ हासिल नहीं हो रहा था तंग आ चुके थे तो यह उम्मीद भी छोड़ चुके थे कि बच्चा हमें शायद कभी मिल पाएगा लेकिन भगवान पर एक भरोसा भी था कि आज नहीं तो कभी ना कभी तो बच्चा हमें मिलेगा जरूर और भगवान ने उनकी सुन ली। पुलिस के रूप में भगवान उनकी मदद करने सामने आ गया और उनका बच्चा सही सलामत उन्हें मिल गया।
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