महज एक एकड़ जमीन होने के बाद भी अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया पिता ने
दैनिक बालोद न्यूज/बालोद।पढाई लिखाई करने वाले के लिए कोई भी समस्या बाधा नहीं होता है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण बालोद जिले के विकासखंड डौंडीलोहारा के एक छोटे से गांव हडगहन के गरीब अमरदास बघेल का बेटा निशांत बघेल उम्र 20 वर्ष का है। जिसका चयन एमबीबीएस के लिए हुआ है। घर में मात्र एक एकड़ जमीन और रोजी मजदूरी करने वाले एक बालोद जिले के ग्राम हडगहन के अमरदास बघेल का बेटा निशांत बघेल है कि अपना पढ़ाई लिखाई प्राथमिक व मिडिल स्कूल का पढ़ाई अपने गांव के सरकारी स्कूल से किया फिर हाई स्कूल अपने गांव से आठ किलोमीटर दूर अर्जुन्दा के प्रायवेट स्कूल से किया इसी बीच प्रयास स्कूल में चयन होने पर कक्षा ग्यारहवीं व बारहवीं का पढ़ाई प्रयास आवासीय स्कूल रायपुर में हुआ है निशांत का दसवीं में 66 प्रतिशत तों वहीं बारहवीं में 78 प्रतिशत रहा ।
निशांत के पिता अमर दास बघेल ने बताया कि
निशांत शुरू से ही पढ़ाई लिखाई में होनहार है और उसके होनहार होने के कारण शासन के द्वारा स्कालरशिप देकर निशुल्क कोचिंग प्रीमियर एकादमी बिलासपुर के एक प्रायवेट कोचिंग सेंटर में दाखिल दिलाकर मेडिकल कॉलेज के लिए प्री एग्जाम का तैयारी करवाया और अपने मेहनत के दम पर निशांत नीट परीक्षा में सफलता हासिल किया है निशांत का नीट परीक्षा 17जुलाई को एक्जाम 08 सितंबर को रिजल्ट घोषित हुआ है जिसमें आल इंडिया रैंक 1 लाख 41 हजार आया है वही आल इंडिया कैटिगरी रैंकिंग 8200 आया है तो वहीं छत्तीसगढ़ राज्य में कैटिगरी रैंकिंग 110 हैं जिसके कारण निशांत का सीट आबंटन 03 नवंबर को शासकीय मेडिकल कॉलेज महासमुंद में हुआ है निशांत का पढ़ाई का पुरा खर्च राज्य सरकार के द्वारा उठाया जायेगा।
निशांत गांव का दुसरा युवक है जो एमबीबीएस डाक्टर बनेगा है
आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से होने के बाद भी निशांत ने अपना सपना पूरा किया है। उन्होनें पुरा लग्न व मन लगाकर अपनी पूरी पढ़ाई की है जिसका नतीजा है आज गांव का दुसरा एम बी बी एस डाक्टर बनेगा इसे पहले एक और एक युवक का पिछले वर्ष राजनांदगांव मेडिकल कालेज में चयन हुआ है। अब गांव के लोग भी गौरवान्वित महसूस कर रहे है।
निशांत बघेल के दो भाई और एक बहन है जो सभी पढ़ाई लिखाई में होनहार है
निशांत बघेल के घर में उनके पिता अमरदास बघेल 12 वी तक पढ़ाई किया है और उसकी मां बोधनी बघेल पढ़ाई लिखाई नहीं की है फिर भी साक्षरता अभियान में थोड़ा बहुत पढ़ लिख लेती है एक गृहिणी हैं वहीं बड़ा भाई मनोज बघेल 32 वर्ष एमटेक किया है और अभी वर्ग एक में शिक्षक हैं बहन खिलेश्वरी 29 वर्ष एमएससी की हुई हैं शादी होकर राजनांदगांव जिले में ससुराल चलीं गईं हैं इसके जीजा विवेक सोनी राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव विकास खंड में नेत्र सहायक अधिकारी के रूप में शासकीय अस्पताल कार्यरत हैं। और एक भाई मिथलेश बघेल उम्र 26 वर्ष 12 वी तक पढ़ाई किया और अभी गार्ड का नौकरी कर रहे हैं।निशांत अपने इस लक्ष्य प्राप्ति करनें में अपने मां बाप भाई बहन और अपने गुरू जनों को श्रेय दिया है।
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