ओड़गांव के युवक को प्रशासन ने पहले बिना जांच पड़ताल के मान लिया कोरोना पॉजिटिव
बालोद। जिले में कोरोना के नए-नए मामले तो आ रहे हैं लेकिन इसमें सावधानी बरतनी जरूरी तो है ही पर बालोद जिले में कुछ अफसर लापरवाही भी बरत रहे हैं। इस लापरवाही के चलते बुधवार को एक ऐसी घटना हुई कि अगर समय रहते अफसरों को अपनी गलती का पता ना चलता तो एक ग्रामीण की जान आफत में पड़ जाती। हुआ यूं कि जिसकी रिपोर्ट अभी आई ही नहीं है उसे कोरोना पॉजिटिव मानकर स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर एंबुलेंस उसे उठाने के लिए पहुंच गई और जब 1 घंटे बाद पता चला कि जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है वह, वो व्यक्ति नहीं है जिसे ला रहे हैं बल्कि वह दूसरा व्यक्ति हैं और उस गांव का भी नहीं है। तब आनन-फानन में उक्त व्यक्ति को आधे रास्ते में ही छोड़ दिया गया। यह मामला है डौंडी ब्लाक के ग्राम ओड़गांव का। दोपहर में जब इसकी पुष्टि हुई कि बालोद जिले में पांच कोरोना के नए केस सामने आए हैं। जिसमें 3 डौंडीलोहारा बताया गया, एक बालोद और एक डौंडी। डौंडी से ओड़गांव के ही एक व्यक्ति की रिपोर्ट को पॉजिटिव बताया गया। जब विभाग ने उसे ट्रेस किया तब भी अफसरों को यह पता नहीं था कि हम गलत व्यक्ति को ट्रेस कर रहे हैं। जिले में 5 कोरोना पॉजिटिव के केस तो थे लेकिन पांचवा केस ओड़गांव का व्यक्ति है यह गलत जानकारी थी। इस गलत जानकारी में पड़कर अधिकारी भी गलत फैसला लेकर उक्त व्यक्ति को पॉजिटिव मानकर बकायदा संजीवनी 108 भेजकर उसे कोविड-19 जिला अस्पताल बालोद में भर्ती करने के लिए जुट गई। फिर बाद में पता चला कि इसकी तो सैंपल ही नहीं लिया गया है ना कोई अभी रिपोर्ट आई है।
एक ही नाम के दो लोग होने के कारण हुई ऐसी गड़बड़ी
इस तरह की लापरवाही की वजह एक ही नाम के दो लोगों के होने के कारण हुई है। दरअसल में डौंडीलोहारा ब्लॉक के कोड़ेकसा में जो तीन केस मिलने की बात सामने आई थी वहीं पर ही 4 केस मिले थे और उसी चौथे व्यक्ति का जो नाम था उसी नाम का व्यक्ति ओड़गांव में भी होम क्वॉरेंटाइन पर है। एक ही नाम के चक्कर में विभाग ने गलती कर दी और कोड़ेकसा के व्यक्ति को छोड़कर ओड़गांव की ओर दौड़ पड़ी लेकिन जब बाद में असलियत सामने आई तो आनन-फानन में फिर कोड़ेकसा के ही चौथे व्यक्ति को, जिसकी रिपोर्ट वास्तव में पॉजिटिव आई थी उसे एडमिट करने के लिए संजीवनी 108 भेजी गई।
मुल्लेगुड़ा की युवती को लाने से पहले ओड़गांव पहुंची थी 108
जानकारी के मुताबिक जिला कोविड-19 अस्पताल से ही संजीवनी 108 की गाड़ी पहले ओड़गांव के उक्त व्यक्ति को लाने और उसी ररास्ते पर मुल्लेगुड़ा पड़ने के कारण वहां से एक युवती जो सूरत,गुजरात से लौटी थी उसे भी साथ लेकर लाने के लिए निकली थी। ओड़गांव से बकायदा उक्त व्यक्ति को पॉजिटिव मानकर 108 की टीम भी एंबुलेंस में बैठाकर बालोद की ओर आने लगी और मुल्लेगुड़ा पहुंची थी, तभी खबर आई कि उन्होंने गलत आदमी को उठा लिया है। फिर बाद में उन्हें वापस संजीवनी 108 से ही ओड़गांव छोड़ा गया। अब देखने वाली बात होगी इस लापरवाही के लिए किस जिम्मेदार व्यक्ति पर कार्रवाई होती है तो वहीं यह घटना एक सबक भी हैं कि जल्दबाजी में कहीं किसी स्वस्थ व्यक्ति को विभाग संक्रमित मानकर अस्पताल में एडमिट न करवा दें?
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