दैनिक बालोद न्यूज/डेस्क।
राज्य सरकार का बड़ा निर्णय लिया है लॉकडाउन के दौरान बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए संचालित पढ़ई तुंहर द्वार कार्यक्रम के दूसरे वर्ष की शुरुआत के पूर्व समग्र शिक्षक की ओर आयोजित वेबिनार में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम शामिल हुए। उन्होंने नवाचारी शिक्षकों से बच्चों की शिक्षा और शिक्षा पद्धति के संबंध में चर्चा की। उन्होंने पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के अंतर्गत नियमित रूप से नियमित कक्षा लेने वाले प्रत्येक जिले से 36-36 शिक्षकों को पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की।
डॉ. प्रेम साय टेकाम ने कहा कि
लाक डाउन के दौरान वेबिनार में नवाचारी शिक्षकों के माध्यम से बच्चों की नियमित पढ़ाई की समस्याओं का हल ढूंढने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम में बस्तर से लेकर सरगुजा तक के शिक्षकों से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच के अनुसार मोहल्ला क्लास में जाके पढ़बो, तभे नवा छत्तीसगढ़ गढ़बो। यह कार्य सभी नवाचारी शिक्षकों की सक्रियता से ही पूरा होगा। वेबिनार में 62 हजार से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया। स्कूल शिक्षा मंत्री ने 22 नवाचारी शिक्षकों के अनुभव सुनें।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि पढ़ई तुंहर द्वार कार्यक्रम के अंतर्गत
गत वर्ष राज्य के शिक्षकों ने नवाचार के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई के लिए अच्छा कार्य किया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का यह दूसरा सत्र है और अभी हम यह अनुमान नहीं लगा सकते कि स्कूल कब खुलेंगे। ऐसी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर पिछले साल से भी बेहतर कार्य करना होगा। काम के तरीकों में बदलाव लाना पड़ेगा,तभी हम अपने कार्य में सफल हो सकेंगे। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि बच्चों की पढ़ाई को रूचिकर बनाने के लिए विभिन्न विकल्पों को देखने और उनमें से अपनी परिस्थितियों के अनुरूप बेहतर विकल्प का उपयोग करने के लिए स्वेच्छा से आगे आएं। सभी को किसी न किसी विकल्प का उपयोग कर विद्यार्थियों को सिखाना आवश्यक होगा।
डॉ. आलोक शुक्ला प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने कहा कि
गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष स्थिति बेहतर है। स्कूलों में बच्चों को प्रवेश ऑनलाइन के माध्यम से दिया गया है। प्रवेशित बच्चों के नाम स्कूलवार उपलब्ध है। अब तक 49 लाख बच्चों की आॅनलाइन एंट्री स्कूलवार दर्ज हो चुकी है। इससे स्कूलवार मॉनिटरिंग हो पाएगी। शिक्षक अब एक-एक बच्चे की पढ़ाई का आंकलन कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि एससीईआरटी को निर्देशित किया गया है कि सभी विषयों के लिए आंकलन की प्रणाली विकसित करें। बच्चों से प्रश्नोत्तरी कराकर उनके उत्तर स्कूल रिकार्ड में रखे जाएं, ताकि उनके परिणाम में काम आएं। उन्होंने कहा कि पाठ्य पुस्तक निगम को निर्देश दिए गए हैं कि 15 जुलाई तक पाठ्य पुस्तकें संकुल स्तर तक पहुंचाएं। पुस्तक पहुंचाने का कार्य प्रारंभ हो चुका है।
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