बिलासपुर एयरपोर्ट का नाम वीरांगना बिलासा देवी करने पर निषाद समाज ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार माना

दैनिक बालोद न्यूज/डोंगरगांव छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार तीन जनवरी को न्यायधानी बिलासपुर में चकरभाटा एयरपोर्ट वीरांगना बिलासा देवी के नाम करने की घोषणा करने पर निषाद समाज में हर्ष का माहौल है । राजनांदगांव निषाद समाज के जिलाध्यक्ष बिसेलाल निषाद, सचिव बसंत निषाद, संरक्षक व सरपंच शत्रुहन निषाद, सलाहकार सोनी राम निषाद, डोंगरगांव नगर पंचायत अध्यक्ष हीराभाई, निषाद जिला मीडिया प्रभारी चैनकुमार सोनवानी निषाद, युवा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष कुलेश्वर निषाद ने बिलासपुर एयरपोर्ट का नाम वीरांगना बिलासा देवी करने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ मछुआ कल्याण बोर्ड व मछुआ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एमआर निषाद व छत्तीसगढ़ शासन संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद के प्रति आभार व्यक्त किया है ।

3 जनवरी 2021 नववर्ष निषाद समाज के लिये ऐतिहासिक दिन 

बिलासपुर स्थित चकरभाटा एयरपोर्ट वीरांगना माता बिलासा देवी के नाम करने हेतु निषाद समाज ने दो फरवरी 1919 को बिलासपुर में आयोजित मछुआ कांग्रेस सम्मेलन में आमंत्रित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समक्ष मछुआ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एमआर निषाद ने यह मांग रखी थी । इस मौके पर छग मछुआ महासंघ के पदाधिकारी भी मौजूद थे । 27 मार्च 2019 को मुख्यमंत्री निवास में उनसे मुलाकात कर उक्त मांग भी दोहराई थी । उस दिन ही सीएस ने अपनी सैध्दांतिक सहमति दे दी थी ।  इस संबंध में 12 अक्टूबर 2020 को पुन: एक ज्ञापन सौंपा गया था । 21 नवंबर 2020 को विश्व मछुआरा दिवस के अवसर पर अपने उद्बोधन में एम आर निषाद ने मुख्यमंत्री के सामने समाज की मांग दोहराई थी । इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निषादों की वाजिब मांगों को हर संभव पूरा करने का आश्वासन दिए थे । समाज की सार्थक मांगों के चलते ही प्रदेश में नई मछुआ नीति लागू कर मछुआरों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया गया वहीं मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा भी प्रदान किया गया । 3 जनवरी 2021 नववर्ष को बिलासपुर में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चकरभाटा एयरपोर्ट का नाम वीरांगना बिलासा देवी के नाम करने की घोषणा की है । उक्त घोषणा पर आभार व्यक्त करते हुए जिलाध्यक्ष बिसेलाल निषाद, सलाहकार सोनी राम निषाद ने कहा है कि इससे वीरांगना बिलासा देवी के ऐतिहासिक तथ्यों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में मदद मिलेगी । साथ ही 3 जनवरी 2021 नववर्ष निषाद समाज के लिये ऐतिहासिक दिन साबित हुई है ।