जब कोई व्यक्ति किसी अपराध में गिरफ्तार किया जाता है तो क्या होता है ,जमानतीय एवम अजमानतीय अपराध आओ जाने साइबर एक्सपर्ट रोहित मालेकर से

दैनिक बालोद न्यूज।जब भी कोई व्यक्ति किसी अपराध में गिरफ्तार होता है ,तो लोगों के मनमे यही शंका होती है कि ,थाना स्तर पर उसे जमानत मिल जाएगी या न्यायालय  में जाकर जमानत करानी पड़ेगी। किसी भी व्यक्ति के गिरफ्तार होने के बाद उसे थाने से जमानत मिल जाएगी या न्यायालय से जमानत करानी होगी यह उस अपराध की प्रकृति पर निर्भर करता है ,जिस अपराध में वह व्यक्ति गिरफ्तार हुआ है ।अगर व्यक्ति ऐसी धारा में गिरफ्तार हुआ है ,जो जमानतीय प्रकृति का है तो थाना स्तर पर उसे जमानत मिल जाएगी।और अगर धारा अजमानतीय प्रकृति का है तो जमानत न्यायालय से करानी होती है।आओ जानते हैं हमारे साइबर एक्सपर्ट निरीक्षक रोहित मालेकर से

जमानतीय अपराध

जमानतीय अपराध काम गंभीर प्रकृति के होते है ,ऐसे अपराधों में तीन वर्ष से कम सजा का प्रावधान होता है ।जैसे सामान्य सार्वजनिक स्थल में गाली गलौच कर मारपीट करना ,।
ऐसे अपराधों में आरोपी को गिरफ्तार कर थाना स्तर पर थाना प्रभारी द्वारा जमानतनामा एवम मुचलकानामा ले कर थाना स्तर पर जमानत में छोड़े जाने का प्रावधान है।।।

अजमानतीय अपराध

अजमानतीय अपराध ज्यादा गंभीर प्रकृति के होते है ,ऐसे अपराधों में तीन वर्ष से अधिक सजा का प्रावधान होता है ,जैसे -हत्या,बलात्कार के अपराध
ऐसे अपराधो में थाना स्तर पर आरोपी को जमानत में छोड़े जाने का प्रावधान नही है ,ऐसे मामलों में आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उसे अधिकारिता रखने वाले न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना होता है ।व्यक्ति को जमानत मिलने नही मिलना न्यायालय के विवेक पर निर्भर करता है।

अतः किसी व्यक्ति के गिफ्तारी के पश्चात यह पता करना आवश्यक है कि व्यक्ति की गिफ्तारी जमानतीय धारा के तहत हुई है या अजमानतीय ।अगर गिफ्तारी जमानतीय धारा के तहत गिफ्तारी हुई है तो,थाना स्तर पर ही उसे  जमानत पर रिहा किया जाएगा   ,अजमानतीय मामलो में आपको जमानत के लिए अधिकारीता रखने वाले  न्यायालय के समक्ष   जमानत आवेदन प्रस्तुत करना होगा।